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किसानों के रिकॉर्ड, फसल नुकसान सर्वे में नहीं होगा हेरफेर

केंद्रीय कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, अब रेवेन्यू अमला किसानों के रिकॉर्ड और फसल नुकसान के सर्वे में हेरफेर नहीं कर सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का गठन करने जा रही है। इससे किसानों से होने वाले हेरफेर को रोकने में मदद मिलेगी।

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भोपाल के लिंक रोड स्थित निवास पर शुक्रवार को शिवराज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में रेवेन्यू का अमला किसान की हर डिटेल का रिकाॅर्ड रखता है। डिजिटलाइजेशन के बाद रेवेन्यू अमला हेरफेर नहीं कर सकेगा। नुकसान हुआ, तो वास्तव में कितना हुआ है, इसका पता चल जाएगा। बोवनी के समय जैसे ही फसल आएगी, वैसे ही फोटो अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे हेराफेरी नहीं की जा सकेगी। किसान को उसके नुकसान का सही मुआवजा मिलेगा। इसके लिए ड्रोन भी दिए जा रहे हैं। ड्रोन की बैटरी डिस्चार्ज होने की स्थिति देखते हुए पांच बैटरियां अलग से दी जाएंगी।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दो नई योजनाओं को मंजूरी दी है। इसी के अंतर्गत डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का काम भी किया जाएगा। यह दो योजनाएं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना हैं। दोनों योजनाओं में मिलाकर एक लाख 1321 करोड़ 61 लाख रुपए खर्च होंगे।

खाद्य तेलों में बनेंगे आत्मनिर्भर शिवराज ने कहा कि 2022-23 में देश की कुल खाद्य तेल की आवश्यकता 29.2 मिलियन टन थी, लेकिन हमारे यहां ऑयल सीड से 12.7 बिलियन उत्पादन होता है। बाकी मांग पूरी करने के लिए विदेशों पर या आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है।

किसानों को फ्री में मिलेगा बीज, ट्रेनिंग देंगे शिवराज ने कहा, वर्तमान में देश में चल रहे ऑयल सीड्स प्लांट्स का उत्पादन काफी कम है। किसानों को देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) बीज बनाएगा। इन बीज को किसानों को फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए देशभर में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे। देशभर के 21 राज्यों के 347 जिलों में जहां भी ऑयल सीड्स का उत्पादन होता है, उन राज्यों को विशेष रूप से लिया गया है। किसानों को इन क्लस्टर में फ्री में बीज, ट्रेनिंग, नई टेक्नोलॉजी से कैसे खेती करें, इसकी जानकारी दी जाएगी। ऐसी सुविधाएं इस मिशन के तहत दी जाएंगी।

हर साल 10 लाख हेक्टेयर एरिया में खेती केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि देशभर में हर साल 10 लाख हेक्टेयर एरिया में खेती की जाएगी। उन्नत बीजों की कमी पूरी करने के लिए 65 नए बीज केंद्र बनाए जाएंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाइयां भी बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जहां केवल एक फसल खरीफ की लेते हैं। इंटरक्रॉपिंग का भी उपयोग किया जाएगा। अलग-अलग फसलों के बीच में ये बीज, फसलें लगाई जा सकती हैं। पूरी खरीद किसानों से की जाएगी।

राज्यों की मर्जी, कौन सी योजना चलाना चाहते हैं शिवराज ने कहा, ध्यान रखा गया है कि राज्य जिस योजना को उपयोगी समझते हैं, वे आवश्यकता के हिसाब से चुन सकते हैं। एक योजना का पैसा दूसरी में खर्च कर सकते हैं। पहले ऐसा नहीं था, लेकिन इस योजना में लचीलापन रखा गया है।

कांग्रेस की प्राथमिकता, न खेती रही न किसानी

एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता न कभी खेती न किसानी की रही है। इनकी सरकार में खरीदी नहीं होती थी। इनका काम विरोध करना है, तो राजनीति के लिए विरोध करते रहेंगे। युवाओं को रोजगार पर कहा कि बेरोजगारी भत्ता समस्या का समाधान नहीं है। नौजवानों को पैसे दें, लेकिन काम सिखाएं। वे इस पर फोकस कर काम करते रहे हैं।

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