MP के 7306 आदिवासी गांव बनेंगे मॉडल विलेज
केन्द्र सरकार ने मप्र इस वित्तीय वर्ष यानि 2024-25 में मप्र के 47 आदिवासी बहुल जिलों के 7307 गांवों को प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) से मॉडल विलेज बनाना जाएगा। जनजातीय वर्ग के सामाजिक व आर्थिक हितों की रक्षा करने और इन बसाहटों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) से विकास के काम कराए जा रहे हैं। इस योजना में मध्यप्रदेश के 47 जिलों के जनजातीय बहुल 7 हजार 307 गांव चुने गये हैं। योजना के तहत पांच सालों में इन चयनित गांवों में विभिन्न क्षेणी के विकासमूलक कार्य कराये जाएंगे।
केन्द्र ने इस साल के लिए दिए 302 करोड़ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष (2021-22 एवं 2022-23) में बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, गुना, खण्डवा, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा, रीवा, झाबुआ, धार एवं श्योपुर कुल 15 जिलों के 2 हजार 523 गांवों में 133 करोड़ 14 लाख 62 हजार रूपये की लागत से बुनियादी सुविधाओं के विस्तार कराने के साथ-साथ शैक्षणिक एवं कौशल उन्नयन से जुड़े 6 हजार 50 कार्य कराये गये हैं। अनूपपुर, मुरैना, सतना, सीधी, देवास, बैतुल, श्योपुर, सीधी, मंडला, उमरिया, नीमच, रतलाम, अलीराजपुर, मंदसौर एवं खरगोन कुल 15 जिलों के 1 हजार 675 गांवों में 4 हजार 27 विकास कार्यों के लिये 302 करोड़ 53 लाख 58 हजार रुपये की भेजी गई कार्ययोजना को वित्त वर्ष 2024-25 में केन्द्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। अब कार्ययोजना के अनुसार यहां स्वीकृत निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं।
धार जिले के सबसे ज्यादा गांवों में चल रहे निर्माण कार्य प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में चयनित धार जिले में प्रदेश में सर्वांधिक 689 गांवों में वर्तमान में 1 हजार 634 से अधिक निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार से इन कामों के लिये 136 करोड़ 35 लाख 12 हजार रूपये मंजूर किये गये हैं। मंजूर की गई राशि में से 12 करोड़ 50 लाख 78 हजार रूपये की विकास राशि अबतक खर्च की जा चुकी है।
गांवों में होंगे यह काम केन्द्र सरकार द्वारा मंजूर विकास राशि से इन 689 गांवों में आंगनवाड़ी भवनों, शासकीय उचित मूल्य की दुकानों, स्कूलों, छात्रावासों, आश्रम शालाओं में अतिरिक्त कक्षों, शौचालय, किचन शेड, भोजन कक्ष, विद्युतीकरण, पेयजल सुविधाओं का विस्तार, फर्नीचर, रंगाई-पुताई कार्य, उप स्वास्थ्य केन्द्रों/जन आरोग्य केन्द्रों में अतिरिक्त कक्षों, बाउंड्रीवाल निर्माण, सार्वजनिक शौचालय, पानी निकासी के लिये ड्रेनेज निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। इसी प्रकार इन गांवों में पेयजल सुविधाओं की बेहतरी के लिये पाइपलाइन विस्तार, पानी की टंकी निर्माण, जनजातीय बसाहटों में विद्युतीकरण एवं लाइन विस्तार के काम, आजीविका मिशन के तहत आजीविका भवनों व सामुदायिक भवनों का निर्माण, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिये स्टॉपडेम, चेकडेम निर्माण तथा अधोसंरचनात्मक विकास के लिये गांवों और शासकीय संस्थाओं तक आंतरिक पहुंच मार्ग व पुल-पुलिया (कल्वर्ट) निर्माण कार्य भी कराये जा रहे हैं।
क्या है PMAAGY
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को 5 वित्त वर्षों (2021-22 से 2025-26) में क्रियान्वित किया जाना है। इस योजना का उद्देश्य विशिष्ट जनजातीय आबादी बहुल गांवों को एक आदर्श ग्राम (मॉडल विलेज) के रूप में विकसित करना है।
वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कम से कम 50 प्रतिशत जनजाति आबादी और कम से कम 500 की जनजाति आबादी वाले 36 हजार 428 से अधिक गांवों को इस योजना में कवर किया जाना है। योजना से 4 करोड़ 22 लाख (देश की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 प्रतिशत) जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। योजना में चुने गये सभी गांवों का एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास किया जायेगा। इसमें जनजातीय वर्ग की जरूरतों, क्षमताओं और उनकी आकांक्षाओं के आधार पर ‘ग्राम विकास योजना’ तैयार करना भी शामिल है। इसके अलावा केंद्र, राज्य सरकारों की व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामुदायिक लाभ मूलक योजनाओं के कवरेज को अधिकतम स्तर तक ले जाना और स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी (संपर्क) व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त करना भी इस योजना के प्रमुख घटक हैं।
ये काम भी कराए जाएंगे योजना में सड़क संपर्क (आंतरिक और अंतर गांव), दूरसंचार संपर्क (मोबाइल/इंटरनेट कनेक्टिविटी), विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उप-केंद्र, पेयजल सुविधा, जल निकासी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि कार्य कराये जायेंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रशासनिक खर्चों सहित अनुमोदित गतिविधियों के लिए गैप फिलिंग के रूप में 20 लाख 38 हजार रुपये प्रति गांव के मान से धनराशि दी जा रही है। पीएमएएजीवाई में चिन्हित गांवों में बुनियादी ढांचे के विकास एवं सेवाओं के लिए अनुसूचित जनजाति घटक फंड व मौजूदा संसाधनों के समन्वित उपयोग के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। चयनित गांवों में ग्राम विकास योजना से मंजूर शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, आजीविका, वन-धन विकास, जल संरक्षण, कौशल विकास, संचार सुविधाओं का विकास एवं गांवों तक पहुंच मार्ग आदि कार्य कराये जायेंगे।