40 गांवों की महिला समूहों को मिला रोजगार
दूध खरीदकर कंपनी को बेचने के कारोबार में अब कैलारस की 3000 महिलाएं अपनी सेवाएं देंगी। प्रतिदिन 20 से 25 हजार लीटर दूध बेचकर जो मुनाफा होगा, उसे समूहों के बीच बांटा जाएगा। बिजनेस के इस नवाचार का एमओयू कलेक्टर अंकित अस्थाना की मौजूदगी में बीआरएस फूड ने महिलाओं से किया है।
दूध के संग्रहण के लिए कैलारस ब्लॉक के 40 गांव को चिह्नित किया गया है। इनमें महिला समूहों की 3000 महिला सदस्यों को गांव-गांव और घर-घर दूध इकट्ठा करना होगा। इसके लिए उन्हें जिला पंचायत ई-रिक्शा उपलब्ध कराएगी। दूध को ठंडा बनाए रखने के लिए हर तीन से चार गांव के बीच एक दुग्ध शीत केंद्र स्थापित किया जाएगा। एक बीएमसी पर 12 लाख रुपये का खर्च आएगा। लगभग 10 दुग्ध शीत केंद्र तैयार करने के लिए केंद्र सरकार मुरैना जिले को डेढ़ करोड़ रुपए की मदद प्रदान करेगी।
दूध के कारोबार से ग्रामीण महिलाओं का पुराना नाता
दूध के कारोबार से ग्रामीण महिलाओं का पुराना नाता है। अंचल में आज भी 45 फीसदी महिलाएं रोजाना घर से दुधारू मवेशी का दूध दोहती है। इसके लिए महिलाएं सुबह 6 बजे तक और सायं को 6 से 7 बजे के बीच दूध दोहने का काम पूरा कर लेती है। पुरूषों की जिम्मेदारी दुधारू मवेशी को नहलाने और चारा खिलाने की होती है। दूध से मठा और घी बनाने का काम भी महिलाएं संभालती है। कैलारस में अभी आलोपी आजीविका महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की महिला सदस्य असंगठित रूप से दूध विक्रय शुरू करेंगी
एक लीटर दूध पर 2.17 रूपए का मुनाफा
वीआरएस फूड मालनपुर यानि पारस कंपनी को एक लीटर दूध बेचने पर आलोपी आजीविका महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को 2 रूपए 17 पैसे का मुनाफा होगा। 30 दिन दूध खरीदने व बेचने के बाद कंपनी, समूहों को दूध का भुगतान सांची दुग्ध संघ के रेट से 2.17 रूपए अधिक के मान से भुगतान करेगी। चूंकि ग्वालियर दुग्ध संघ के दूध खरीदने की क्षमता कम होने के कारण कैलारस के महिला समूहों ने मालनपुर के वीआरएस फूड को दूध देने का अनुबंध साइन किया है।