नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को कोर्ट ने सुनाई 10 वर्ष की सजा
विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने सोमवार को दिए एक फैसले में आरोपित को दोष सिद्ध पाया है। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को 10 वर्ष की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने जुर्माने से भी दंडित किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट नर्मदांजलि दुबे ने की। पैरवीकर्ता नर्मदांजलि दुबे ने बताया कि फरियादी ने थाना मोहनगढ़ में लिखित आवेदन दिया था कि उसकी नाबालिग पुत्री रात को घर पर सोई थी। सुबह देखा तो उसकी लड़की पीड़िता घर पर नहीं थी, जिसकी गांव में तलाश की, जिसका कोई पता नहीं चला। उसे उसकी लड़की को नारायण सिंह निवासी कुड़ीला के साथ जाने का शक है। उसकी लड़की पीड़िता अपने साथ में फोटो, मार्कसीट तथा 5700 रूपये ले गई है, जिसकी तलाश करने पर कोई पता नहीं चला है। नाबालिग के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने गुमइंसान दर्ज करते हुए अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
विवेचना के दौरान पीड़िता को पुलिस ने दस्तयाब कर उसका मेडीकल परीक्षण कराया। पूछताछ के दौरान पीड़िता ने बताया कि आरोपित उसे ट्रेन से दिल्ली ले गया था जहां वह दोनों काम करते थे। वहीं पर आरोपित ने जबरन उसके साथ पति-पत्नी जैसे संबंध बनाये थे। आरोपित नारायण सिंह को गिरफ्तार किया गया। अनुसंधान पूर्ण होने के बाद आरोपित के विरूद्ध धारा 363,366,376 भादवि एवं, 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ और फिर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने मामले में नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के आरोपित नारायण सिंह को धारा 376(2)(एन) भादवि व 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपये के अर्थदंड तथा धारा 363 भादवि में 05 वर्ष के कठोर कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।