सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण निपटाने में इंदौर का सीएमएचओ, पिछड़ा वर्ग कल्याण और श्रम विभाग के अधिकारी फिसड्डी
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण करने में जिले के तीन अधिकारी फिसड्डी साबित हुए हैं। सीएम हेल्पलाइन के मामलों में यह डी-ग्रेड में आए हैं। इनमें सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या, श्रम विभाग की सहायक आयुक्त मेघना भट्ट और पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक सुमीत रघुवंशी शामिल हैं। इन अधिकारियों को कलेक्टर मनीषसिंह ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
प्रशासन द्वारा सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का निराकरण में 100 नंबर का पैमाना तय किया गया था। पैमाने के आधार पर सीएमएचओ को 100 में में 39, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी रघुवंशी को 32 और श्रम विभाग की सहायक आयुक्त को 33 नंबर ही मिल पाए। लीड बैंक प्रबंधक, लोक निर्माण विभाग और खेल एवं युवक कल्याण विभाग के अधिकारी भी डी-ग्रेड में आए हैं। यह अधिकारी शीघ्र प्रकरणों का निराकरण नहीं करेंगे तो इनको भी नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है।
साेमवार को कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की विभागवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग से संबंधित प्रकरणों के संतुष्टिपूर्वक निराकरण के लिए सभी एसडीएम और तहसीलदार को नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनना है। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को समय-सीमा के तहत स्वच्छता शुल्क जमा करने के भी निर्देश दिए।
20 हजार से अधिक कर्मचारियों ने नहीं लगवाया सर्तकता डोज, फोन लगाकर दिलाएंगे याद
कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता डोज लगाने से 20 हजार से अधिक फ्रंटलाइन और हेल्थकेयर वर्कर अब भी बाकी हैं। इनमें 11 हजार 234 फ्रंटलाइन वर्कर तो 9 हजार 179 हेल्थकेयर वर्कर शामिल हैं। कलेक्टर मनीषसिंह ने निर्देश दिए हैं कि इन कर्मचारियों को कंट्रोल रूम से नियमित फोन काॅल करके सतर्कता डोज लगवाने की याद दिलाई जाए। इसके बाद भी दो दिन में सतर्कता डोज नहीं लगवाते हैं तो बचे हुए फ्रंटलाइन वर्कर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
समय-सीमा के प्रकरणों की बैठक के दौरान कलेक्टर कार्यालय में टीकाकरण को लेकर भी समीक्षा की गई। टीकाकरण नोडल अधिकारी डा. तरुण गुप्ता ने टीकाकरण से बचे फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थकेयर वर्कर के बारे में जानकारी दी। इस पर कलेक्टर ने कहा कि सतर्कता डोज लगवाने में लापरवाही कर रहे फ्रंटलाइन वर्करों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी।