इंदौर में भूखंड का कब्जा दिलाने के लिए जनसुनवाई में पहुंचे एक दर्जन कालोनियों के पीड़ित
भू-माफिया और कुछ बदमाश कालोनाइजरों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई भले ही जारी हो, लेकिन अब भी कई पीड़ित ऐसे हैं जिनको न्याय नहीं मिल रहा है। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में लगभग एक दर्जन कालोनियों के पीड़ित शिकायत लेकर पहुंचे कि उनको प्लाट नहीं मिले हैं। किसी को भूखंड का कब्जा नहीं मिला तो पैसे देने के बाद भी किसी को रजिस्ट्री नहीं हुई है।
जनसुनवाई में पालाखेड़ी की स्वस्तिक रिजेंसी, गोम्मटगिरी के समीप स्थित विद्यानंद नगर, सनावदिया की श्री रामजी वाटिका, कालिंदी गोल्ड सिटी, फीनिक्स टाउनशिप सहित अन्य कालोनियों के पीड़ित पहुंचे। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, कुछ कालाेनियों में अब भी विकास कार्य पूरे नहीं हुए हैं। कालिंदी गोल्ड सिटी में एक ही प्लाट अधिक लोगों को बेच दिए गए हैं। जागृति, न्याय नगर, देवी अहिल्या श्रमिक कामगार आदि गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के पीड़ित सदस्य भी प्लाट के लिए पहुंचे थे। अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि प्लाट देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों की शिकायतों की जांच की जा रही है। सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं के मामले में पहले भी कार्रवाई की गई थी। शिकायतकर्ताओं को उनके भूखंड का कब्जा देकर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
डायरी पर प्लाट की खरीदी-बिक्री अवैध, दलालों का रेरा में पंजीयन अनिवार्य
इसी बीच कलेक्टर मनीषसिंह ने डायरी पर प्लाटों की खरीदी-बिक्री को अवैध बताते हुए धारा-144 के तहत एक बार फिर आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी कालोनाइजरों और प्रमोटरों को कालोनी में भूखंडों की बुकिंग और आवंटन से पहले अपनी आवासीय परियोजनाओं का रेरा में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। कालोनाइजरों और प्रमोटरों को आदेश दिए गए हैं कि केवल उन्हीं संपत्ति दलालों को अपने साथ संलग्न किया जाए जिनका रेरा में पंजीयन हो। डायरी या किसी अन्य गैर पंजीकृत व अनाधिकृत दस्तावेज के माध्यम से संपत्ति की बुकिंग और बिक्री की गई तो वह अवैध माना जाएगा। साथ ही ऐसे कालोनाइजरों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।