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इंदौर में बोले चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग- कोरोना की तीसरी लहर में मोदी वैक्सीन ही काम आई

देश कोरोना की तीसरी लहर से जिस तरह से उभरा है, वह एक उदाहरण है। विपक्ष वैक्सीन को मोदी वैक्सीन बताकर लोगों को गुमराह करता रहा, लेकिन तीसरी लहर में यही मोदी वैक्सीन काम आई है। यह बात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इंदौर में कही। शासकीय दंत महाविद्यालय में चिकित्सकों को संबोधित करते हुए उन्होंने मंच से ही घोषणा की कि दंत चिकित्सालय में एमडीएस कोर्स की सीटों की संख्या दोगुनी करते हुए 54 की जा रही हैं।

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इसके पहले सारंग ने एमजीएम मेडिकल कालेज की सामान्य परिषद की बैठक ली। बैठक में मंत्री ने कई मुद्दों को लेकर नाराजगी भी जताई। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अस्पतालों में बंद पड़ी मशीनों को लेकर भी नाराजगी जताई। एमवायएच में नई एंडोस्कोपी मशीन तुरंत खरीदने के निर्देश दिए। मीडिया से चर्चा में सारंग ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े अस्पतालों में जल्दी ही मरीज मित्र योजना लागू की जाएगी। मरीज मित्र मरीज, अस्पताल प्रबंधन और डाक्टरों के बीच सेतु का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी कराने को लेकर गंभीर है। इसी साल से भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में पढ़ाई की शुरुआत होगी। ऐसा करने वाला मप्र देश का पहला प्रदेश होगा।

अधूरे पड़े प्रोजेक्ट और बंद मशीनों को लेकर जताई नाराजगी – एमजीएम मेडिकल कालेज की सामान्य परिषद की बैठक में मंत्री ने कालेज के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट और अस्पतालों में बंद पड़ी मशीनों को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कुछ डाक्टरों से कहा कि वे इंटरनेट मीडिया पर तो अपडेट रहते हैं लेकिन उनका काम मैदान में नजर नहीं आता। कुछ डाक्टर हैं जो कुछ खास लोगों के फोन ही उठाते हैं, यह ठीक नहीं है। सारंग ने अध्ययन अवकाश पर जाने वाले डाक्टरों को लेकर कहा कि यह देखना चाहिए कि उनके द्वारा अर्जित नई डिग्री से कालेज को क्या फायदा मिल रहा है। मंत्री ने मेडिकल कालेज के अधीन बन रहे आडिटोरियम के काम को लेकर भी नाराजगी जताई।

मंत्री ने नहीं किया अस्पतालों का दौरा – सारंग बुधवार को दिनभर बैठकों में व्यस्त रहे। वे पहली बार चिकित्सा शिक्षा मंत्री के रूप में इंदौर आए लेकिन उन्होंने मेडिकल कालेज के किसी भी अस्पताल का दौरा नहीं किया। कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें एमवायएच, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय सहित कई अस्पतालों का दौरा करना था।

अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी होगी पढ़ाई – मंत्री ने कहा कि मेडिकल की पुस्तकों के हिंदी में अनुवाद का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए समितियां गठित कर दी गई हैं। हमारा उद्देश्य मेडिकल की पढ़ाई को आसान बनाना है। एमबीबीएस के कोर्स में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, सिर्फ किताबें अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी उपलब्ध रहेंगी।

दो महीने में पूर्ण क्षमता से शुरू होगा एमटीएच और सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल – सारंग ने कहा कि हमारा उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराने का है। सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और एमटीएच अस्पताल आने वाले दो महीने में पूर्ण क्षमता से शुरू कर दिए जाएंगे।

एमडीएस की सीटें 27 से बढ़कर 54 होंगी – शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय में नए ब्लाक का भूमिपूजन करते हुए मंत्री ने मंच से ही महाविद्यालय में एमडीएस कोर्स की सीटें 27 से बढ़ाकर 54 करने की घोषणा की।

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