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छह शहरों में रचा चुकी है सात शादियां, जबलपुर में पकड़ी गई लुटेरी दुल्हन

जबलपुर समेत देश के छह शहरों में सात लोगों से शादी का नाटक कर ठगी कर चुकी लुटेरी गिरोह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके साथ अंतरराज्यीय गिरोह में शामिल तीन सदस्यों को भी पकड़ा गया है। गिरोह ने जबलपुर के अलावा धौलपुर, कोटा, जयपुर, सागर व दमोह में फर्जी शादियां कर लोगों से ठगी की थी। गिरफ्त में आई लुटेरी दुल्हन उर्मिला अहिरवार उर्फ रेनू राजपूत उर्फ अन्नू (28) पति स्व. अजय अहिरवार निवासी धनवंतरि नगर साईं कालोनी थाना संजीवनी नगर, अर्चना बर्मन उर्फ अर्चना राजपूत पति राजू बर्मन (40) वर्ष निवासी कमला नेहरू नगर गढ़ा, भागचंद कोरी (22) निवासी नवनिवेश कालोनी गंगानगर गढ़ा, अमर सिंह ठाकुर 50 वर्ष निवासी शाहीनाका गढ़ा से ओमती पुलिस कड़ी पूछताछ कर रही है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर निकलवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गिरोह द्वारा अन्य जिलों में की गई ठगी की घटनाओं की पतासाजी के भी निर्देश दिए हैं। इधर, आरोपितों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के निर्देश पर उन्हें जेल भेजा गया है।

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यह है मामला : भीमगढ़ छपारा सिवनी निवासी दशरथ पटेल (41) ने मंगलवार रात ओमती थाने में घटना की शिकायत की थी। ओमती थाना प्रभारी एसपीएस बघेल ने बताया कि दशरथ सिवनी में स्कूल वाहन चलाता है। वह विवाह करना चाह रहा था जिसके लिए उसके चाचा जागेश्वर पटेल एवं चाची सुनीता पटेल लड़की तलाश में थे। 15 दिन पूर्व उनका संपर्क अर्चना बर्मन से हुआ था। अर्चना ने बताया कि उसके रिश्तेदार की बेटी रेनू राजपूत निवासी दमोहनाका अविवाहित है और वह उससे दशरथ की शादी करवा सकती है। इंटरनेट मीडिया पर रेनू की फोटो भेजकर उसने शादी तय कर दी। विवाह में लड़का पक्ष पर 35 हजार नकद, मंगलसूत्र, पायल समेत कपड़े व शादी के खर्च की शर्त रखी गई। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार शाम चार बजे कलेक्ट्रेट में नोटरी आनंद मोहन चौधरी के समक्ष दोनों की शादी कराई गई। विवाह के बाद दशरथ रेनू को अपनी गाड़ी पर बैठाकर घर ले जाने लगा। तभी जिला न्यायालय के गेट नंबर तीन के सामने रेनू ने बैठने में परेशानी बताकर गाड़ी रोकने को कहा। दशरथ ने गाड़ी रोक दी तभी वहां दो पहिया वाहन एमपी 20 एनएच 5332 से भागचंद कोरी पहुंचा। दशरथ की गाड़ी से उतरकर रेनू भागचंद की गाड़ी में बैठी और फरार हो गई।

फर्जी दस्तावेजों की जांच शुरू : विवाह कर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए रेनू समेत गिरोह के सदस्यों ने गलत नामों से फर्जी पहचान पत्र बनवाए थे। ताकि ठगी कर भागने के बाद उन्हें पकड़ा न जा सके। रेनू के भागने के बाद पुलिस ने उसकी कथित मौसी अर्चना बर्मन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जिसके बाद फर्जीवाड़े का पता चला। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया। जिसके बाद शादी कर भागी रेनू की तलाश शुरू की गई। रेनू के साथ गिरोह के अन्य सदस्यों भागचंद कोरी व अमर सिंह ठाकुर को भी पकड़ लिया गया।

नाम बदलकर करते थे ठगी : अर्चना बर्मन ने स्वयं को रेनू की मौसी बताया है। गिरोह के सदस्य नाम बदल-बदल कर ठगी की घटनाएं करते थे। आरोपितों से शादी के नाम पर ठगी की कुछ और घटनाओं के खुलासे की संभावना जताई जा रही है। आरोपितों के कब्जे से एक मंगलसूत्र, 20 हजार रुपये, चार माेबाइल फोन व एक मोटरसाइकिल जब्त की गई है। मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई जा रही है। ताकि गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।

इनकी रही भूमिका : आरोपितों की गिरफ्तारी में टीआइ ओमती बघेल, एसआइ भावना तिवारी, अनिल मिश्रा, आरक्षक विजय, महेंद्र, सुमन, पूनम, पूजा की भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

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