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पेटलावद विस्फोट मामले में आरोपितों के बरी होने पर अधिकारियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा ने 15 दिन में पुलिस महानिदेशक और संचालक लोक अभियोजन में मांगी रिपोर्ट

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भोपाल। (राज्य ब्यूरो)। पेटलावद विस्फोट और बालाघाट में दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपितों के बरी होने को सरकार ने गंभीरता से जांच अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक और संचालक लोक अभियोजन को पत्र लिखकर 15 दिन में जांच करके दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करके रिपोर्ट मांगी है।

पेटलावद विस्फोट में 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी।

सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित किया था। साक्ष्य नहीं मिलने की वजह से सभी आरोपित बरी हो गए। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर प्रकरणों में आरोपितों के दोषमुक्त हो जाने को लेकर नाराजगी जता चुके थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को गृह विभाग ने चुनिंदा दस मामलों की समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला लोक अभियोजन और विवेचना अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।

इस दौरान यह पाया गया था कि पेटलावद विस्फोट मामले की विवेचना में लापरवाही बरती गई। जांच में यह साबित ही नहीं किया जा सका कि विस्फोटक की अवैध रूप से आपूर्ति की गई। विवेचना में अन्य कमियां भी सामने आई। इसी तरह बालाघाट के थाना कोतवाली क्षेत्र में दो छोटी बच्चियों के साथ पड़ोसी ने दुष्कर्म किया। विवेचना के दौरान जब्त सामग्री को बदल दी गई। कमजोर विवेचना की वजह से आरोपित बरी हो गया।

इन दोनों प्रकरणों में प्रथम दृष्टया विवेचना और न्यायालय में अभियोजन पक्ष की कमी सामने आई है। इस आधार पर अपर मुख्य सचिव गृह ने पुलिस महानिदेशक और संचालक लोक अभियोजन को पत्र लिखकर जांच करने और दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्र्रवाई करके 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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