मध्य प्रदेश में राशन वितरण में अनियमितता रोकने के लिए होगा बायोमेट्रिक सत्यापन
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को एक रुपये किलोग्राम की दर से दिए जाने वाले गेहूं और चावल की आड़ में अनियमितता और अपात्रों के नाम पर होने वाले खेल को खत्म करने के लिए अब प्रत्येक हितग्राही का सत्यापन किया जा रहा है। आधार नंबर से हितग्राही की पहचान की जाएगी। उचित मूल्य दुकान के सेल्समैन घर-घर जाकर अंगूठा लगवाकर बायोमेट्रिक सत्यापन करेंगे। मोबाइल नंबर भी अपडेट किया जाएगा, ताकि दुकान से जब भी राशन वितरण हो तो उसकी सूचना मिले। इससे यह भी पता चल जाएगा कि हितग्राही के नाम पर कितनी मात्रा में राशन दिया जा चुका है।
मध्य प्रदेश में पीडीएस के 98 प्रतिशत हितग्राहियों का आधार नंबर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के पास है। राशन वितरण में गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी 24 हजार 952 उचित मूल्य की दुकानों को प्वाइंट आफ सेल्स मशीन दी गई हैं, ताकि वे अंगूठा लगवाकर हितग्राही का सत्यापन कर सकें। इसके बाद भी राजगढ़, निवाड़ी सहित अन्य जिलों में अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं। जांच में सामने आया है कि गलत आधार नंबर डालकर स्थानीय स्तर पर गड़बड़ियां की गई हैं।
हितग्राही का निधन होने के बाद भी उसके नाम से राशन देना बताकर अनियमितता की जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के मद्देनजर विभाग ने सभी हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई का कहना है कि इस व्यवस्था से न सिर्फ एक-एक हितग्राही का सत्यापन हो जाएगा, बल्कि उनकी जानकारी भी अपडेट हो जाएगी।
एक करोड़ हितग्राहियों की हो चुकी है पहचान
अभी तक एक करोड़ चार लाख 53 हजार 675 हितग्राहियों की पहचान हो चुकी है। रिकार्ड में इनके नाम, मोबाइल नंबर सहित अन्य जानकारियों में सुधार भी हो गया है। बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर हितग्राही वन नेशन-वन राशनकार्ड योजना के तहत किसी भी उचित मूल्य की दुकान से राशन प्राप्त कर सकेंगे। यदि किसी को कम मात्रा में राशन मिला होगा तो वह तत्काल आपत्ति दर्ज करा सकेगा।