सीएम शिवराज ने जटिल समस्या का अधूरा समाधान कर गरीब जनता पर थोपा लाखों का टैक्स
नीमच। शहर की बंगला-बगीचा जैसी जटिल समस्या का आज दिन तक स्थाई निराकरण नहीं हो पाया है। इन क्षेत्रों में निवासरत नागरिक परेशान हो रहे हैं। नागरिकों ने जटिल समस्या के स्थाई समाधान की मांग करते हुए सीएम शिवराज के अधूरे समाधान को नकार दिया है। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि सरकार ने इस जटिल समस्या का अधूरा समाधान कर जनता पर लाखों रूपये के टैक्स थोपे हैं। जबकि इन क्षेत्रों में निवासरत अधिकतर लोग गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। इन लोगों के पास सिर्फ मकान व भूमि हैं। जिसके मालिकाना हक के लिए कई वर्षों से यह लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन अब तक इनकी समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। व्यवस्थान के लिए बनाए गए नियम भी क्षेत्रवासियों के लिए सिर का दर्द बने हुए हैं। सरकार को इन नियमों में बदलाव कर जनता को राहत देनी चाहिए। क्षेत्र के नागरिक समस्या का शत-प्रतिशत समाधान चाहते हैं। नगर सरकार भी इन क्षेत्रों के रहवासियों से सालों से टैक्स वसूलती आ रही है। नागरिक समस्या का स्थाई समाधान चाहते हैं। – आखिर क्या है बंगला-बगीचा समस्या- आजादी से पूर्व अंग्रेजों ने नीमच का उपयोग सैनिक छावनी के रूप में किया था। यहां अंग्रेजों की सेना के कैंप थे। बड़े अफसर भी यहीं रहते थे। अंग्रेज अफसरों के लिए शहर में करीब 60 बंगले थे। खेत और बगीचे भी थे। आजादी के दौरान अंग्रेज अफसर यहां से रूखसत हो गए। बाद में इन्हीं बंगलों पर कई लोगों के स्वामित्व और अधिकार पाए गए। 1980 के दशक में तत्कालीन एसडीएम ने समूचे क्षेत्र को विवादित माना। बंगले, बगीचे व खेत की भूमि को शासकीय करार दिया तभी से नीमच में बंगला-बगीचा व खेत की समस्या पनपी हुई है। इस जमीन पर काबिज लोगों को राज्य शासन, जिला प्रशासन व नगर पालिका भूमि स्वामी नहीं मानती है। – बंगला-बगीचा क्षेत्र में निवासरत लोगों का दर्द- ‘जिम्मेदार विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की वजह से यह समस्या सुलझने की बजाय और उलझ गई है। वर्ष 2017 में प्रदेश की भाजपा सरकार व मुखिया शिवराज ने समस्या का समाधान किया था। उस समय रहवासियों में उम्मीद जागी थी कि उन्हें अपने मकान व भूमि पर मालिकाना हक मिलेगा। लेकिन जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्षेत्र की राजनीतिक पार्टियां भी इसी समस्या के समाधान की बात को लेकर जनता को हमेशा से ठगती आई है। नगरीय निकाय चुनाव में एक बार फिर समस्या को उठाएंगे। - लखन कल्याणी, बंगलावासी – ‘इस समस्या का जन्म 1980 के दशक में हुआ था। नगर पालिका व शासन की आपसी लड़ाई में हमेशा से नुकसान जनता का हुआ है। नगर पालिका बंगला-बगीचा क्षेत्रों में निवासरत लोगों से कई सालों से टैक्स लेती आ रही है। लेकिन भूमि पर अधिकार को लेकर क्षेत्र के नागरिक आज भी संघर्ष कर रहे हैं। शिवराज सरकार ने समस्या का समाधान किया। लेकिन व्यवस्थापन बोर्ड के जटिल नियम बनाकर जनता की इस समस्या को और उलझा दिया। यह समाधान उचित नहीं है।