हवाओं का बदला रुख, भोपाल में ठिठुरन से मिली राहत, कल से बदल सकता है मौसम का मिजाज
प्रदेश में हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है। हवा का रुख बदलने से तापमान में बढ़ोतरी होने से राजधानी भोपाल में भी फिलहाल कड़ाके की ठंड से फिलहाल राहत मिल गई है। सोमवार को प्रदेश में उत्तरी हवाएं चलीं, जिसके प्रभाव से दिन में पश्चिमी भोपाल, इंदौर संभागों के जिलों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। पाकिस्तान और उससे लगे उत्तर भारत पर एक पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दो फरवरी को एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसके असर से राजस्थान के ऊपर एक प्रेरित चक्रवात बनने के आसार हैं। इससे मध्य प्रदेश में ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छा सकते हैं। इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले चौबीस घंटों के दौरान राजधानी में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा। साथ ही यह पिछले दिन के अधिकतम तापमान से 1.9 डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस कम, लेकिन बीते दिन के मुकाबले 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी में आज भी मौसम शुष्क ही रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पिछले दो दिन से हवा का रूख दक्षिणी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ था। जिसके चलते प्रदेश के अधिकतर जिलों में दिन एवं रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि सोमवार को पश्चिमी मप्र में हवा का रूख पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी होने से भोपाल एवं इंदौर संभागों के जिलों में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि पाकिस्तान और आसपास बने वेदर सिस्टम से हवाओं का रूख बदला है। इससे फिलहाल कड़ाके की ठंड से राहत मिल गई है। दो फरवरी को एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बनेगा। इसकी वजह से हवाओं के साथ वातावरण में नमी आने से ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों में बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती है।