रीवा में एक 10 साल की बच्ची के कथित अपहरण का मामला मंगलवार को सुलझ गया। पुलिस जांच में पता चला कि बच्ची ने मोबाइल में वीडियो देखकर अपने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। बच्ची स्कूल में किसी कारण से टेस्ट नहीं दे पाई थी। उसे डर था कि टीचर उसे डांटेंगी।
घटना रीवा शहर के चोरहटा थाना क्षेत्र की है। परिजनों ने 4 अगस्त को थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि उनकी बेटी का दो अज्ञात बाइक सवारों ने अपहरण कर लिया है।
नगर पुलिस अधीक्षक रितु उपाध्याय ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्ची की तलाश में शहर भर के करीब 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इन फुटेज में बच्ची खुद अपनी साइकिल से जाती हुई दिखाई दी, जो परिजनों के दावे से बिल्कुल उलट था।
स्कूल के लिए निकली, भटकती रही पुलिस ने बताया कि बच्ची का 29 जुलाई को स्कूल में टेस्ट था। वह किसी कारणवश नहीं दे पाई। इसके बाद सीधा स्कूल 4 अगस्त को गई। इन बीच के दिनों में वो सेहत खराब होने का बहाना बनाती रही। सोमवार को वो घर से तो स्कूल के लिए निकली, लेकिन डर की वजह से स्कूल जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। इसलिए स्कूल जाने की जगह साइकिल से दूर भटकती रही।
शाम को घबराई हुई घर पहुंची बाद में शाम को बच्ची घबराई हुई घर पहुंची। परिजनों से कहा कि दो लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया था। फिर परिजन बच्ची को लेकर सीधा थाने पहुंचे। बच्ची सोमवार को बहुत थकी हुई थी। उसकी बातें पुलिस को संदेहास्पद लगीं। पुलिस ने मंगलवार को उसके बयान दर्ज किए। पूछताछ में उसने सारी सच्चाई बता दी। इससे पहले सोमवार को पुलिस अपहरण की एफआईआर दर्ज कर चुकी थी।
पुलिस ने की बच्ची की काउंसलिंग मंगलवार को पुलिस ने बच्ची को स्कूल ले जाकर शिक्षकों और प्राचार्य से बात करवाई, ताकि वह डांट के डर से उबर सके। इसके साथ ही उसकी काउंसलिंग भी की गई। सीएसपी रितु उपाध्याय ने बताया कि इस घटना के बाद पुलिस अब अन्य स्कूलों में भी जाकर बच्चों को जागरूक कर रही है कि वे डर या भ्रम में आकर इस तरह की हरकत न करें।