केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने गुरुवार को भोपाल में आयोजित 22वें अखिल भारतीय टीडीएस सम्मेलन का शुभारंभ किया। यहां अग्रवाल ने कहा कि कर अनुपालन की दिशा में पारदर्शिता और डिजिटल रूपांतरण अब कर प्रशासन की रीढ़ बन चुके हैं। टीडीएस व्यवस्था के माध्यम से न केवल कर संग्रहण होता है बल्कि भरोसेमंद राजस्व प्रणाली भी बनती है।
इससे पहले रवि अग्रवाल ने एक विशेष जागरूकता पोस्टर का अनावरण किया। इसका उद्देश्य करदाताओं और कर कटौतीकर्ताओं को टीडीएस अनुपालन और स्वैच्छिक कर भुगतान के महत्व से अवगत कराना है। यह सम्मेलन आयकर विभाग मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ क्षेत्र द्वारा प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल ऑफ इनकम टैक्स (एडमिनिस्ट्रेशन एंड टीपीएस) और सीबीडीटी के सहयोग से आयोजित किया गया है। सम्मेलन में देशभर के 18 जोनों के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर्स, चीफ कमिश्नर्स, डायरेक्टर्स जनरल, आयकर आयुक्त और वरिष्ठ टीडीएस अधिकारी भाग ले रहे हैं।
आयकर अधिनियम 2025 के संशोधनों पर चर्चा
सम्मेलन में आयकर अधिनियम 2025 में किए गए संशोधनों पर विस्तृत चर्चा की जा रही है। इसमें नई टीडीएस धाराएं, सीमा-सीमाओं में वृद्धि, कंपाउंडिंग दिशानिर्देशों और डेटा-आधारित अनुपालन रणनीतियों जैसे विषय शामिल हैं। साथ ही 17 अक्टूबर 2024 को जारी नई कंपाउंडिंग गाइडलाइंस पर भी विचार-विमर्श होगा, जिनका उद्देश्य लंबित मुकदमों को कम करना और कर विवादों के शीघ्र समाधान को बढ़ावा देना है।
सम्मेलन का उद्देश्य: पारदर्शी और प्रभावी कर प्रशासन
दो दिवसीय सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य टीडीएस अनुपालन को सुदृढ़ बनाना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना और डिजिटल नवाचारों के माध्यम से कर प्रशासन की दक्षता को और बेहतर बनाना है। कार्यक्रम के दौरान कई इंटरएक्टिव एवं ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नीतिगत सुधारों और कर अनुपालन के नए आयामों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उद्घाटन सत्र में शामिल रहे सीबीडीटी के सदस्य
उद्घाटन सत्र में सीबीडीटी अध्यक्ष रवि अग्रवाल के साथ सदस्य (टीपीएस एवं राजस्व) पंकज मिश्रा, सदस्य (लेखांकन एवं न्यायिक) जी. अपर्णा राव, सदस्य (आयकर) संजय बहादुर और सदस्य प्रसेंजित सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ ललित कृष्ण सिंह देहिया ने अतिथियों का स्वागत किया और सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह मंच “कर प्रशासन में नवाचार, सहयोग और दक्षता” को बढ़ावा देता है।




