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23 साल की युवती की हार्ट अटैक से मौत:देर रात ऑफिस का काम निपटा कर सोई थी

अजमेर में देर रात 3 बजे ऑफिस का काम खत्म कर सोई 23 साल की युवती की हार्ट अटैक से मौत हो गई। गुरुवार सुबह 5 बजे के आसपास अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उसने परिजनों से सीने में दर्द होने की शिकायत की थी। घरवाले तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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चाचा अंकुश राठी ने बताया कि भतीजी कशिश टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी में ऑनलाइन काम करती थी। रात में काम करने के बाद जब वह 3 बजे सो गई। सुबह 5:30 के करीब अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा। उसे जेएलएन अस्पताल लेकर गए थे। उसे हार्ट अटैक आया था। उसके पिता अनूप राठी अजमेर में ही किराने की दुकान चलाते हैं। कशिश का एक छोटा भाई भी है।

कम उम्र में क्यों आ रहे हार्ट अटैक? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल करीब 6 करोड़ लोगों की मौत होती है। इनमें से लगभग 32% मौतों की वजह कार्डियोवस्कुलर डिजीज है। यह बीमारी दुनिया में सबसे अधिक मौतों की वजह बनती है। हर साल लगभग पौने दो करोड़ लोग किसी-न-किसी हार्ट डिजीज के कारण जान गंवा रहे हैं।

पहले हार्ट डिजीज के ज्यादातर पेशेंट 60 साल से अधिक उम्र के होते थे। अब नई समस्या ये है कि बीते कुछ सालों में 30 साल से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार बन रहे हैं। कोविड के बाद से तो जैसे हार्ट अटैक के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।

कम उम्र में हार्ट अटैक के क्या हैं रिस्क फैक्टर्स? लंबे अरसे तक माना जाता रहा कि उम्र के साथ हमारा दिल भी बूढ़ा होता जाता है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ हार्ट डिजीज के मामले भी बढ़ जाते हैं। लेकिन बीते सालों में युवाओं को हो रहे हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स ने सबको चौंकाया है।

अनहेल्दी लाइफ स्टाइल: आजकल ज्यादातर बीमारियों की जड़ अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, एक्सरसाइज न करना, खाने में फास्ट फूड और तली-भुनी चीजें खाना। इसके कारण डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ओबिसिटी जैसी लाइफस्टाइल डिजीज होती हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती हैं।

हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स में से एक है। असल में ब्लड प्रेशर हाई होने का मतलब है कि ब्लड फ्लो में कोई समस्या है तो हार्ट को इसका फ्लो बरकरार रखने के लिए पंपिंग तेज करनी पड़ रही है। इससे ब्लड वेसल्स डैमेज होती हैं, दिल थक रहा होता है। जो कभी भी हार्ट अटैक या अरेस्ट की वजह बन सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल: कोलेस्ट्रॉल हमारी ब्लड वेसल्स में जमा गाढ़े फैट की तरह है, जो खून की आवाजाही को बाधित करता है। इसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हार्ट को खून पंपिंग में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसका लेवल जितना बढ़ता है, हार्ट अटैक के चांसेज भी उतने ही बढ़ते जाते हैं।

फैमिली हिस्ट्री : ब्रिटेन स्थित द हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति के पेरेंट्स या भाई-बहन को 60 साल से कम उम्र में हार्ट अटैक हुआ है तो उसे दूसरों के मुकाबले कम उम्र में हार्ट अटैक की आशंका अधिक होती है।

स्मोकिंग: नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश साल 2016 की एक स्टडी के मुताबिक, बच्चों और युवाओं में हार्ट अटैक के बड़े रिस्क फैक्टर्स में एक स्मोकिंग भी है। भारत सरकार के नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक भारत में 10 से 14 साल के 2 करोड़ बच्चों को तंबाकू और सिगरेट के लत है। स्मोकिंग से हमारे फेफड़े और ब्लड वेसल्स कमजोर पड़ते हैं, जो हार्ट अटैक का बड़ा कारण हैं।

डायबिटीज: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, जिन लोगों को डायबिटीज है, उनमें हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है। ये दोनों ही फैक्टर दिल की सेहत के लिए खतरनाक हैं। असल में डायबिटीज के कारण ब्लड वेसल्स कमजोर पड़ जाती हैं, हार्ट की मसल्स भी कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में दूसरे ट्रिगर पॉइंट्स मौत के मुंह तक ले जाते हैं।

ओबिसिटी: मोटापा ऐसी कॉम्प्लेक्स डिजीज है, जो कई लाइफ स्टाइल बीमारियों की वजह बनती है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस जैसी सभी लाइफस्टाइल डिजीज दिल की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।

कोविड इंफेक्शन इफेक्ट्स: कोरोना वायरस ने हमारे फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसने किडनी और ब्लड वेसल्स को भी कमजोर किया है। इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है। यही कारण है कि कोविड इंफेक्शन के बाद बच्चों और युवाओं में कोरोना के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। कई स्टडीज ने तो यहां तक बताया है कि इन दिल के दौरों के पीछे जीवन दायिनी कोविड वैक्सीन भी बड़ी वजह है।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770