भोपाल CBI कोर्ट ने सुनाई FCI क्लर्क को 5 साल की सजा
भोपाल। आज CBI कोर्ट ने आरोपी किशोर मीना को, जो कि FCI भोपाल में सहायक ग्रेड-1 के पद पर कार्यरत थे, पांच साल की कठोर सजा सुनाई है। इस मामले के विशेष मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार शर्मा ने अपने फैसले में मीना को 02.12.2016 से 29.05.2021 के बीच आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी ठहराया। इसके साथ ही, उन्हें ₹4,05,74,429/- का अर्थदंड भी लगाया गया है। यदि मीना इस अर्थदंड का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जो उनकी स्थिति को और भी गंभीर बना देता है। CBI ने इस मामले की जांच तब शुरू की जब मीना और उनके अन्य अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत लेने की शिकायत मिली। जांच के दौरान, मीना के पास से ₹3 करोड़ की नकद राशि, सोने-चांदी के गहने और अन्य मूल्यवान संपत्तियाँ बरामद की गईं। यह सभी संपत्तियाँ उनके आय के स्रोतों से कहीं अधिक थीं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने अवैध तरीके से धन अर्जित किया है। CBI ने मीना के खिलाफ एक विस्तृत आरोप पत्र दायर किया, जिसमें उनके द्वारा अर्जित संपत्ति की मात्रा 924% अधिक बताई गई। इस मामले में CBI ने 31 गवाहों की गवाही भी दर्ज की, और मीना ने अपने बचाव में कुछ गवाह पेश किए। इस प्रकरण ने न केवल मीना की व्यक्तिगत जिंदगी को प्रभावित किया है, बल्कि यह सरकारी कर्मचारियों के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देने का कार्य करेगा। कोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।
यह है मामला
गुड़गांव की एक सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद क्लर्क किशोर मीणा और मैनेजर समेत तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था. उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की गई थी. जांच में खुलासा हुआ कि वह सभी के रिश्वत के पैसे अपने घर पर ही रखता था. खबर के मुताबिक किशोर मीणा इससे पहले FCI में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर नौकरी करता था. बड़े अधिकारियों के साथ भ्रष्टाचार में शामिल होने की वजह से उसे क्वर्क बना दिया गया था।
2.17 करोड़ रुपयों के साथ मिली नोट गिनने की मशीन
सीबीआई की टीम ने किशोर मीणा के घर से 2.17 करोड़ रुपयों के साथ ही नोट गिनने की मशीन भी बरामद की है. इसके साथ ही 8 किलो सोना और चांदी भी जब्त किया गया है. एफसीआई में रिश्वत लेने की शिकायत गुड़गांव की एक कंपनी ने भोपाल सीबीआई से की थी. शिकायत में कहा गया था कि एफसीआई का मैनेजर दूसरे कर्मचारियों के साथ मिलकर धड़ल्ले से रिश्वत ले रहा है. खबर मिलने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपियों को एक मंदिर में बुलाया था. इसके बाद दो आरोपियों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।