नए साल 2025 के पहले ही दिन से मध्यप्रदेश सरकार ने नई शुरुआत की है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय सहित सभी विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू होगा। यानी कागजी नोटशीट फाइलों के बजाए ऑनलाइन फाइलें मूव होंगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने सीएम हाउस स्थित समत्व से ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस के समत्व भवन से ई-ऑफिस क्रियान्वयन प्रणाली का शुभारंभ करते हुए कहा, ‘कई जन हितैषी कार्यक्रमों, गरीब, महिला, किसान और युवा वर्ग के कल्याण को फोकस करते हुए मध्यप्रदेश सरकार डिजिटिलाइजेशन के जरिए आगे बढ़ना चाहती है। मुख्यमंत्री कार्यालय सहित मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी मुख्य सचिव कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली से काम शुरू कर दिया है।’
सीएम ने कहा, ‘ई-ऑफिस से आम जनता को राहत मिलेगी। सभी विभागों द्वारा ई-ऑफिस सिस्टम से काम किया जाए। इसके लिए विभाग प्रक्रिया पूरी करेंगे।’
तीन चरणों में होगा लागू
ई-ऑफिस सिस्टम तीन चरणों में पूरे प्रदेश में लागू होगा। पहला चरण में आज 1 जनवरी से यह मंत्रालय में पूरी तरह लागू किया गया है। अब मंत्रालय में सभी फाइलों का मूवमेंट सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मोड (ई-फाइल) में ही हो सकेगा और पूरी कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। दूसरे चरण में सभी विभाग प्रमुखों के कार्यालय और तीसरे चरण में सभी जिला स्तर के कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली में लाया जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण की तारीखें अभी तय नहीं हैं।
गौरतलब है कि वर्तमान में मंत्रालय में हाईब्रिड मोड में काम किया जा रहा है, यानी कुछ काम ई-फाइल के जरिए हो रहे हैं, जबकि कुछ काम पी-फाइल (पेपर फाइल) के जरिए ही होते आ रहे हैं। अब सभी पी-फाइल को भी 1 जनवरी से ई-फाइल में तब्दील कर दिया जाएगा।
ई- ऑफिस प्रणाली क्या है ई-ऑफिस ऑनलाइन प्रणाली है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कम्प्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है। पुरानी नस्तियों को भी इसमें ढूंढा जा सकेगा। इससे शासकीय कार्य तेजी से संपादित हो सकेंगे। उच्च स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी।