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शीत लहर से ठिठुरा जिला, तीन डिग्री गिरा पारा, फसलों पर जमी ओस

सीहोर। जिले में ठंड अपना रंग अब तक दिखा रही है। अमूमन 15 जनवरी के बाद ठंड का प्रकोप कम हो जाता है, लेकिन इस बार अब तक ठंड के कारण ठिठुरन हो रही हैं। शीत लहर के कारण पारा गिर गया है। जहां गुरुवार की रात पारा तीन डिग्री तक गिर गया। वहीं सुबह खेतों में ओस जमी हुई देखी गई। लोग दिन में भी ठिठुर रहे हैं और अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं फसलों के लिए यह अनुकूल नहीं है। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीर साफ दिखाई दे रही है। ठंड के इस कहर का पूर्वानुमान पहले से था। मौसम विभाग ने इसके लिए चेता दिया था। शुक्रवार को सुबह लगभग सभी गांवों में किसानों के खेत की मेडों और फसलों पर ओस जम गई थी। खेतों में पड़े पाइप पर भी ओस जम गई। जिससे फसलों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है। शासकीय आरएके कृषि कालेज मे स्थित मौसम विज्ञान केेंद्र के मौसम विशेषज्ञ एसएस तोमर ने बताया कि अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। श्री तोमर के अनुसार आसमान पर बादल साफ हो जाने के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भी न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के आसापास रहा। शनिवार से तापमान 7 डिग्री तक जा सकता है।

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जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह से ही ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया था। उत्तर-पूर्व से चल रही शीत लहर ने तापमान में गिरावट ला दी। जिससे गुरुवार को दिन का तापमान 19 डिग्री और रात का तापमान 3 डिग्री तक गिरा। जिसका असर शुक्रवार की सुबह भी दिखाई दिया। शुक्रवार को भी न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के आसपास ही दर्ज किया गया। वहीं शनिवार की सुबह भी इसका असर देखा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ खेतों पर पौधों की पत्तियों पर ओस जब गई। शुक्रवार की सुबह होने पर जब किसान खेतों पर पहुंचे तो फसलों पर सफेद चादर देख हेरान रह गए, इससे मौसम में ठिठुरन और गलन बढ़ गई है। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही है, किसानों को अपनी चने, धनिए और सरसों की फसलों को लेकर चिंता सता रही है। वहीं तेज ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभप्रद बताई जा रही है। बताया गया है कि कड़ाके की ठंड के कारण अब पाले की मार पडे लगी है। खेतों में ओस की बूंदे जमने से चारों ओर बर्फ की चादर सी दिखाई दी। ठंड के कारण लोग धूप निकलने क बाद घरों से बाहर निकले, दिन मे तेज धूप खिलने से लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली, लेकिन शाम ढ़लने के बाद ठंड का प्रकोप फिर बढ़ गया। रात खेतो में सिंचाई कर रहे किसानों को ठंड की मार झेलनी पड़ी। किसान अलाव ताप कर ठंड से राहत पाते रहे।

फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को सलाह

कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को फसलों में पाले से बचाव के लिए आवश्यक सलाह दी गई है। विभाग द्वारा किसानों से से कहा गया है कि फसलों को पाले से बचाने के लिए शाम आसमान साफ हो, हवा शांत हो व तापमान में कमी के साथ गलावट बढ़ रही हो तो तय मान लें कि उस रात पाला पडे वाला है। पाले के प्रति अति संवेदनशील फसल अरहर, मसूर, मटर, टमाटर, बैगन व आलू है। फसलों को पाले से बचाने के लिए सर्व प्रथम हल्की सिचाई करें तथा रात 10 बजे के बाद खेत के उत्तर व पश्चिम दिशा की मेड़ों पर धुंआ करें।

ठंड की मार हवाओं पर निर्भर

मौसम विज्ञानियों के अनुसार फिलहाल मौसम में कोई बड़ा बदलाव होने के आसार नहीं हैं। आंशिक बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि हवा किस दिशा से आ रहीं है। यदि हवाएं पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी दिशा से चलीं तो ठंडक कुछ कम रहेगी। यदि हवाएं उत्तरी, उत्तर-पूर्वी दिशा से चलीं तो ठंड की मार अधिक होगी। हलांकि शनिवार से मौसम में थोड़ा बदलाव आएगा और न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। हालांकि शीत लहर का प्रकोप आने वाले सप्ताह भी जारी रहेगी।

शीलत लहर जारी रहेगी, लेकिन दिन और रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। किसानों को अपनी फसलों में सिंचाई करने की सलाह दी जा रही है।

डा. एसएस तोमर, मौसम विशेषज्ञ, आरएके कालेज सीहोर

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770