भोपाल स्टेशन पर एक बार फिर लापरवाही की एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था की नींद को झकझोर दिया है। इस बार मामला रविवार रात का है, जब प्लेटफार्म नंबर दो पर एक युवक चलती ट्रेन के नीचे सोता हुआ पाया गया। यह न केवल सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर हो चुकी है। आपको याद दिला दें कि इससे पहले भी भोपाल स्टेशन पर लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं।
भोपाल आरपीएफ कई किस्से है मशहूर
स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवान, जो आमतौर पर यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने का दावा करते हैं, लगता है इस समय अवैध वेंडरों से वसूली करने में व्यस्त थे। ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी प्राथमिकताओं में यात्रियों की सुरक्षा से अवैध वेंडरों से पैसे वसूलना ज्यादा जरूरीहै। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि एक युवक की लापरवाही से उसकी जान भी जा सकती थी। लेकिन यह तो और भी अजीब है कि मोटी तनख्वाह पाने वाले आरपीएफ के जिम्मेदार पुलिसकर्मी इस खतरे को देखने में असमर्थ रहे।
भोपाल आरपीएफ के कई किस्से पहले से ही मशहूर हैं, और अब इस नई घटना ने उनके कार्यप्रणाली पर एक और काला धब्बा लगा दिया है। अवैध वेंडरों पर कार्रवाई करने में उनकी असमर्थता तो पहले से ही चर्चा का विषय रही है, लेकिन अब यात्रियों की सुरक्षा में भी उनकी नाकामी उजागर हो रही है। यह सोचने वाली बात है कि मीडिया और पत्रकारों से बचकर रहने वाले भोपाल आरपीएफ के थाना प्रभारी अनिल कुमार (RPF TI ANIL KUMAR) इस स्थिति पर क्या जवाब देंगे।
घटना का कौन होता जिम्मेदार
यदि प्लेटफार्म नंबर दो पर सो रहे उस व्यक्ति की जान चली जाती, तो उसका जिम्मेदार कौन होता? क्या यह सब कुछ इसी तरह चलता रहेगा, या फिर इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा? यात्रियों की सुरक्षा का यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की सुरक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को दर्शाता है। हमें उम्मीद है कि इस घटना के बाद संबंधित अधिकारियों को जागरूकता होगी और वे अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाएंगे।