फेसबुक पर विज्ञापन देखकर चायना की कंपनी का एप डाउनलोड किया, निवेश के नाम पर हुई 22 लाख की ठगी
फेसबुक पर विज्ञापन दिखाकर चायनीज कंपनियां लोगों को ठगने का काम कर रही हैं। इसी तरह का मामले में इंदौर के फरियादी सैय्यद रिजवान उल हक ने राज्य साइबर सेल को 22 लाख रुपये की ठगी होने की शिकायत की। साइबर सेल ने जांच में पाया कि जिस एप को फरियादी ने डाउनलोड किया था, जिसे चीन की कंपनी चलाती है। इस कंपनी को बनाने के लिए गुड़गांव दिल्ली में बैठे दो आरोपित जतिन सिंह पुत्र मंजीत सिंह निवासी दिल्ली और इन्द्रनील बासु पुत्र निलोय कुमार बोस ने अनुबंध किया था। दोनों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर, उनसे मोबाइल, सिम व अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।
वहीं फरियादी को 12 लाख 50 हजार रुपये खाते में वापस दिलवा दिए हैं। पुलिस चीनी कंपनी चलाने वाले शान और पूजा केरी की तलाश कर रही है। आशंका है कि दोनों चीन भाग गए हैं। जिस कंपनी ने ठगी की उसमें गुड़गांव के दो झाडू-पोंछा करने वालों को डायरेक्टर बना दिया। पुलिस ने जब पूछताछ की तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी।
राज्य साइबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि फरियादी सैय्यद रिजवान ने शिकायत की थी कि 20 नवंबर 2020 से 28 नवंबर तक 22 लाख रुपये एक एप टैस्को ग्लोबल के माध्यम से कंपनी में निवेश किए थे, इस पर अच्छा मुनाफा देने के वादा किया था। लेकिन कुछ दिन बाद ही एप बंद हो गया। शिकायत के बाद साइबर सेल ने मामले में जांच की तो पता चला कि फरियादी ने एप डाउनलोड किया और फिर एप के नंबर पर संपर्क किया तो उन्होंने निवेश करने पर अच्छा मुनाफा देने की बात की। फरियादी ने रुपये आनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
रमी गेम वेबसाइड पर ट्रांसफर हुए रुपये
एसपी ने बताया कि एप की जांच शुरू की तो पता चला कि वह चीन से चलाई जाती है। इसके बाद जब तकनीकी रूप से गहराई से जांच की तो पता चला कि कंपनी का नाम टैक्सो ग्लोबल दिख रहा है, लेकिन उसकी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू रमीवीआइपी डाट इन के नाम से बनी हुई है, रुपये भी इसी वेबसाइट पर ट्रांसफर हुए हैं। जब यह पता लगाया कि किस कंपनी को रुपये ट्रांसफर हुए हैं तो उसमें कान्फिगर जिनस टेक्नालाजी प्रायवेट लिमिटेड दिया है। इस कंपनी में पता किया तो रुपये इस कंपनी में ट्रांसफर होना नहीं पाया गया।
केवायसी से मिली दिल्ली की जानकारी
कंपनी के बारे में केवायसी के आधार पर जानकारी निकाली तो उसमें आरोपित जतिन का पता चला। जतिन के पते पर पहुंचे तो आरोपित मकान खाली करके किसी दूसरे स्थान पर चले गए थे। दूसरे पते पर जाकर जतिन को गिरफ्तार किया और पूछताछ की गई। जतिन ने बताया कि वह सीएस है और इसमें उसका दोस्त इंद्रनील बसु भी शामिल है और वह आइटी कंपनी में नौकरी करता है।
चीन के आरोपितों ने किया था संपर्क
जतिन ने बताया कि वे कंपनी बनाकर देते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि कंपनी का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है और कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं। एक कंपनी बनाने के 16 हजार रुपये मिलते हैं। चीन के सुनेहरा बर्ड कंपनी के जनरल मैनेजर शान और कर्मचारी पूजा केरी ने संपर्क किया, पहले वाट्सएप पर चर्चा हुई। इसके बाद वे मिलने आए और कंपनी बनाने का अनुबंध हो गया।
झाडू-पोछा करने वालों को बना दिया कंपनी डायरेक्ट
जतिन ने बताया कि शान और पूजा केरी ने पहले उसे और उसके दोस्त को 99 प्रतिशत शेयर देकर कंपनी में डायरेक्टर बनाया था। कंपनी में खाते खुलवाए और फिर ठगी की। ठगी के बाद दोनों ने उन्हें और उनके साथियों को रिजाइन करवा दिया और गुडगांव में झाडू-पोंछा करने वाले दो लोगों को इसमें डायरेक्टर बना दिया। पुलिस ने दोनों को इंदौर बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
एप पर रुपये ट्रांसफर करने पर दो गुने हो जाते थे
एएसआइ रामप्रकाश वाजपेयी ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इसी तरह की ठगी हुई थी। आरक्षक ने रुपये ट्रांसफर किए, एप में रुपये दोगुने दिख रहे थे लेकिन निकालने की कोशिश की तो एप ही बंद हो गया। इसी तरह से फरियादी ने जब टैस्को ग्लोबल कंपनी का एप डाउनलोड किया और उसमें रुपये ट्रांसफर किए तो वे एप के वालेट में वे दो गुने दिख रहे थे। इसी लालच में उन्होंने 22 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब रुपये निकालने की कोशिश की तो वापस खाते में ट्रांसफर नहीं हुए।
फाइनेंस कंपनी में स्टेट हेड थे
एसपी ने बताया कि फरियादी फाइनेंस कंपनी में स्टेट हैड रहे हैं। तकनीकी रूप से उन्हें जानकारी थी। कुछ दिन पहले नौकरी छूट जाने के कारण वे रुपये निवेश करना चाहते थे। टैक्सो ग्लोबल ग्रोसरी कंपनी है जो तकनीकी रूप से भी निवेश कराती है। यही सोचकर उन्होंने इस कंपनी में निवेश किया था, लेकिन फर्जी वेबसाइट ने टैक्सो कंपनी जैसी दिखने वाला एक नकली पेज बनाया था। इसी कारण वे धोखाधड़ी का शिकार हो गए।