सड़क पर लाल, पीली और नीली फ्लैश लाइट तथा हूटर लगाकर अपना रौब दिखाने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध एक बार फिर पुलिस एक्शन लेगी। पुलिस मुख्यालय ने इन निर्देशों का पालन नहीं किए जाने और कार्यवाही न होने से ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने पर नाराजगी जताई है। साथ ही कहा है कि 15 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहन चालकों पर अपराध दर्ज किए जाएं जिनके वाहन में हूटर, फ्लैश लाइट, वीआईपी स्टिकर लगे हैं और वाहन की नम्बर प्लेट गलत लगी है। वाहनों में हूटर लगे होने पर पांच हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा भोपाल और इंदौर के पुलिस आयुक्त और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को दिए ताजा निर्देश में कहा है कि प्रदेश में निजी वाहनों में हूटर, फ्लैश लाइट, वीआईपी स्टिकर और गलत नम्बर प्लेट का दुरुपयोग करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाना है। मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध हूटर के अलावा वाहन में लाल, पीली, नीली बत्ती लगाकर वाहन चलाए जा रहे हैं। कुछ महीनों से इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको लेकर तय व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही नहीं किए जाने से इन्हें प्रोत्साहन मिल रहा है। ऐसे अनधिकृत वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही किए जाने की जरूरत है।
वीआईपी विजिट में पकड़ा गया है वाहन
डीआईजी पीटीआरआई पीएचक्यू तुषारकांत विद्यार्थी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कुछ दिन पहले वीआईपी विजिट के दौरान एक आपराधिक वाहन पकड़ा गया है। जिसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और मोटर व्हीकल एक्ट की अलग-अलग धाराओं में अपराध दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। जिलों में इस तरह के मामलों में ऐसी ही कार्यवाही की जाए ताकि अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। पीएचक्यू ने कहा है कि निजी वाहनों में हूटर, लाल पीली व नीली फ्लैश लाइट वीआईपी स्टिकर, गलत नम्बर प्लेट का दुरुपयोग करने वाले चालकों के विरुद्ध एक मार्च से 15 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर वैधानिक कार्यवाही की जाए और इसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाए।
आठ साल पहले लगी है वीआईपी कल्चर पर रोक
वाहनों में वीआईपी कल्चर रोकने के लिए 1 मई 2017 को केंद्र सरकार ने गाड़ियों में लाल बत्ती लगाने पर रोक लगा दी है। इसके निर्देश में कहा गया था कि कोई भी नेता, मंत्री, सांसद, विधायक या अफसर अब अपनी गाडियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे। बाद में इसके लिए थानों के टीआई और एम्बुलेंस में रियायत दी गई लेकिन इसकी जगह अब हूटर-सायरन ने ले ली है।
नेताओं, कार्यकर्ताओं के वाहनों में सर्वाधिक हूटर
चार पहिया वाहनों में हूटर लगाने को लेकर पांच साल पहले सरकार ने प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बाद शुरुआती दौर में तो इसका पालन हुआ लेकिन अब यह आम बात हो गई है। खासतौर पर सत्ता पक्ष के नेताओं और कार्यकर्ताओं के चार पहिया वाहनों में हूटर खुलेआम लगे रहते हैं और ये सड़कों पर हूटर बजाते निकलते हैं तथा चौराहों पर खड़ी पुलिस कार्यवाही करने के बजाय देखती रहती है।
दिग्विजय ने डीजीपी को लिखी थी चिट्ठी
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने 17 फरवरी को इसको लेकर एक पत्र पुलिस महानिदेशक को लिखा है। इसमें सिंह ने प्रदेश में निजी वाहनों में हूटर के दुरुपयोग को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि मध्य प्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लंघन लगातार बढ़ रहा है। कई निजी वाहनों में हूटर का दुरुपयोग किया जा रहा है। खासकर सत्ताधारी दल के नेता बिना किसी पात्रता के हूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कानून के खिलाफ है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।