मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भोपाल की सेंट्रल जेल में एक महीना हो गया है। 4 फरवरी को तीनों को पहली बार जेल भेजा गया था। 11 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सात दिन की रिमांड पर लिया और 17 फरवरी को वे दोबारा जेल पहुंचे। इस तरह तीनों ने ज्यूडिशियल कस्टडी में अब तक 31 दिन बिता लिए हैं।
जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया-
शरद जायसवाल को चर्म रोग है। जेल अस्पताल में इलाज किया गया है। इसके अलावा लो ब्लड प्रेशर की शिकायत पर उसे तीन बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। चेतन की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसकी काउंसलिंग कराई जा रही है।
हफ्ते में दो दिन परिजन से मुलाकात बढ़ती गर्मी के साथ ही जेल में सौरभ, चेतन और शरद के लिए समय काटना मुश्किल हो रहा है। लग्जरी जीवन जीने वाला शरद जायसवाल बीमार है तो चेतन गुमसुम रहने लगा है। उसे ऐसे कैदियों के साथ रखा गया है, जो गुप्त सूचनाएं जेल प्रशासन तक पहुंचाने का काम करते हैं।
सौरभ शर्मा भी जेल में चुपचाप रहता है और किसी भी अन्य कैदी से घुलना-मिलना पसंद नहीं करता। सौरभ को जेल में विचाराधीन बंदी नंबर 5882, शरद को 5881 और चेतन को 5880 रूप में पहचाना जाता है। तीनों के परिजन और परिचित नियमित रूप से सप्ताह में दो मुलाकात उनसे करने पहुंच रहे हैं।
हर मूवमेंट की कराई जा रही निगरानी जेल में तीनों को ‘ब’ खंड के अलग-अलग बैरक में रखा गया है। तीनों के खाने से लेकर पूरी दिनचर्या की मॉनिटरिंग की जा रही है। जेल में उनके घूमने-फिरने की सीमा फिक्स है। निगरानी के लिए दो-दो जवानों को तैनात रखा जाता है।
जेल में तीनों के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। उनसे जुड़ी हर जानकारी हर दिन जेल के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई जा रही है। तीनों अधिकांश समय किस कैदी के साथ बिता रहे हैं, सामान्य ढंग से जेल का खाना खाया कि नहीं, फिजिकल एक्टिविटी क्या है, सेहत कैसी है, इसका ध्यान रखा जा रहा है।
नहीं दी गई लाइब्रेरी जाने की सुविधा जेल में सौरभ, शरद और चेतन को ब खंड के पास बनी चार विशेष बैरक में से तीन में रखा गया है। इन बैरक में तीनों के अलावा 29-29 अन्य कैदी रह रहे हैं। इन कैदियों के बीच जेल प्रशासन के लिए अंदरखाने की खबरें जुटाने का काम करने वाले कैदी भी मौजूद हैं। जो पल-पल की अपडेट प्रहरियों के माध्यम से जेल प्रशासन तक पहुंचाने का काम करते हैं। तीनों की सुरक्षा को देखते हुए बैरक में आक्रामक कैदियों के साथ नहीं रखा गया है।
तीनों को एक फिक्स दायरे तक जाने की ही इजाजत है। जेल के जिस हिस्से में तीनों को रखा गया है, वहां मौजूद हवालात में बंद अन्य कैदियों के अलावा किसी दूसरे कैदियों का जाना वर्जित है। इसी के साथ अन्य कैदियों की तरह तीनों को लाइब्रेरी में जाकर अखबार या अन्य किताबें पढ़ने की अनुमति भी नहीं है।