नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को एक लेटर लिखा है। लेटर में उन्होंने इंदौर को भ्रष्टाचार व अव्यवस्थाओं से मुक्त कराने की बात लिखी है।
उन्होंने लेटर में इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी और नगर निगम कांग्रेस पार्षद दल की ओर से भाजपा के मध्यप्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की बधाई व शुभकामनाएं दी। साथ ही लिखा कि अब जब आप देवी अहिल्या की नगरी पधारे हैं, तो यह पत्र आपको उस इंदौर की पीड़ा सुनाने हेतु लिखा है, जिसे देश का सबसे स्वच्छ शहर कहा जाता है, लेकिन जो भीतर ही भीतर भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और प्रशासनिक उपेक्षा से कराह रहा है।
यह वही इंदौर है जहां पिछले 25 वर्षों से नगर निगम पर आपकी ही पार्टी का शासन है। इस नगर के नागरिकों ने भाजपा की परिषदों को बार-बार मौका दिया, पर बदले में उन्हें मिला तो सिर्फ टूटी सड़कें, जलभराव, बिजली कटौती, पेंचवर्क में घोटाले और एक ऐसी व्यवस्था जो जवाबदेही से लगातार भाग रही है।
लेटर में जाम की परेशानी, घोटालों की बात भी लिखी
देवास-इंदौर बायपास इस समय एक रोज का संकट बन चुका है। वहां हर दिन लगने वाला जाम अब तक पांच जिंदगियां निगल चुका है। करोड़ों की टैक्स वसूली के बावजूद सड़क की हालत बद से बदतर है और टोल केवल जनसंकट का पर्याय बन गया है। यह लोगों के धैर्य की भी परीक्षा है और सरकार की संवेदनशीलता की भी। इंदौर नगर निगम की कार्यशैली आज भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है। नाला टेपिंग में हजारों करोड़ का घोटाला हो या फर्जी फाइलों के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट। हर प्रोजेक्ट में जनता की गाढ़ी कमाई को बेरहमी से लूटा गया है।
पेंचवर्क सिर्फ पांच दिन में उखड़ जाता है, महीने भर का पानी का बिल तो आता है, लेकिन सप्लाई पखवाड़े में मुश्किल से कुछ घंटों की होती है। इंदौर आपकी पार्टी के लिए गौरव का शहर रहा है, लेकिन यही शहर अब उपेक्षा का शिकार बनता जा रहा है। मैं, एक जनप्रतिनिधि के नाते नहीं बल्कि इस नगर के एक जिम्मेदार नागरिक के नाते आपसे आग्रह करता हूं कि इंदौर को भ्रष्टाचार और अराजकता से मुक्त कराने का अभियान चलाया जाए। केंद्र और राज्य सरकार में आपकी पार्टी की सत्ता है ऐसे में आप प्रभावी पहल कर सकते हैं।
चिंटू चौकसे ने लेटर के माध्यम से आग्रह किया है कि इस शहर की पीड़ा को समझें, अपने दायित्व का बोध कराएं और जिनके हाथों में इस शहर की व्यवस्था है उन्हें उत्तरदायी बनाए। इंदौर को एक बार फिर न्याय, विकास और संवेदनशील प्रशासन की राह पर लाना आवश्यक है।