कोलार रोड स्थित अकबरपुर बंजारी के वक्फ कब्रिस्तान की भूमि पर गोशाला निर्माण को लेकर उठा विवाद अब कानूनी दिशा में बढ़ गया है। सोमवार को इस मामले की पहली सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल भोपाल में हुई। जिसमें बताया गया कि कब्रिस्तान की भूमि पर गोशाला निर्माण कर रहे कांग्रेस नेता अश्विनी श्रीवास्तव इसी भूमि पर किराएदार रहे हैं और 2019 में वक्फ कमेटी ने किराएदारी निरस्त कर दी थी।
वक्फ ट्रिब्यूनल में एडवोकेट इब्राहिम शरीफ ने जानकारी दी कि अश्विनी श्रीवास्तव को वर्ष 2013 में वक्फ कमेटी के तत्कालीन कार्यपालन अधिकारी महमूद आलम ने किराएदारी पर यह भूमि दी थी। यह व्यवस्था “औकाफ-ए-अम्मा” नामक वक्फ कमेटी के अधीन की गई थी। हालांकि, वर्ष 2019 में उक्त कमेटी ने उनकी किराएदारी औपचारिक रूप से निरस्त कर दी थी। इस संबंध में संपूर्ण दस्तावेजी प्रमाण वक्फ ट्रिब्यूनल में प्रस्तुत किए गए हैं। बता दें यह भूमि मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में “बेवकूफ कब्रिस्तान, अकबरपुर” के रूप में पंजीकृत है।


क्या है मामला? कोलार क्षेत्र के अकबरपुर बंजारी स्थित भूमि पर कथित रूप से कांग्रेस नेता अश्विनी श्रीवास्तव द्वारा गोशाला का भूमिपूजन कराया गया। केयरटेकर शेख मतीन ने आरोप लगाया है कि यह कब्रिस्तान कई वर्षों से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है और इसकी देखरेख उनका परिवार कर रहा है।
शेख मतीन के अनुसार, 21 जून की शाम को बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान परिसर में पहुंचे और टेंट लगाना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्होंने कोलार थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बावजूद 23 जून को कांग्रेस नेता अश्विनी श्रीवास्तव ने बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा की मौजूदगी में गोशाला का भूमिपूजन कराया।

हाईकोर्ट तक जाने की बात
भूमिपूजन के मौके पर मौजूद विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक बताया और कहा कि गोशाला सेवा भाव से प्रेरित कार्य है, राजनीति से इसका कोई संबंध नहीं है। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के संरक्षक शमशुल हसन ने इस घटनाक्रम को मुस्लिम समाज की भावनाओं पर चोट बताया और चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
4 जुलाई को स्थानीय लोग हुए थे इकट्ठा 4 जुलाई को बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग और जमीअत उलमा कोलार रोड की टीम मौके पर पहुंचे थे और वहां हो रहे निर्माण कार्य का विरोध किया। मामला बढ़ता देख पुलिस और एसडीएम मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने जांच पूरी होने तक किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आश्वासन दिया है। जमीअत उलमा जिला भोपाल के अध्यक्ष हाफिज इस्माइल बेग के निर्देश पर तहसील कोलार के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हनीफ खान की अगुआई में जमीअत की टीम अकबरपुर कब्रिस्तान पहुंची।
उनका कहना था कि यहां वक्फ बोर्ड की जमीन पर बिना अनुमति के गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है। जमीअत की अपील पर स्थानीय मुस्लिम समाज के लोग भी बड़ी संख्या में कब्रिस्तान पहुंचे और निर्माण का विरोध किया। मौके पर तनाव की स्थिति बन गई थी लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।

ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी इस मामले में वक्फ बोर्ड कार्यालय में प्रदर्शन कर चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक कब्रें बनाईं, कफन ओढ़े लोग मुर्दा बनकर जमीन पर लेटे और सवाल पूछा- ‘अगर कब्रिस्तान पर मॉल और गोशालाएं बनेंगी, तो हम अपने मरे हुओं को कहां दफनाएंगे?” प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे समिति के संरक्षक शमसुल हसन ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में कभी 189 पंजीकृत कब्रिस्तान थे, लेकिन आज सिर्फ 22 बचे हैं।
कब्रिस्तान की जमीनों पर योजनाबद्ध तरीके से कब्जे हो रहे हैं। कोलार में तो कांग्रेस नेताओं ने वक्फ जमीन पर कब्जा कर भाजपा विधायक से भूमिपूजन भी करवा लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कमेटी हाईकोर्ट का रुख करेगी।