कोरोना के केस घटने के साथ 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं का काउंटडाउन शुरू हो गया है। दोनों परीक्षाओं का माध्यमिक शिक्षा मंडल ने टाइम टेबल जारी कर दिया है। खास बात यह है लंबे ब्रेक के बाद विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए अपने-अपने स्कूल पहुंचना होगा। इस बार आनलाइन मोड पर परीक्षा नहीं होंगी। इस घोषणा के साथ वे विद्यार्थी थोड़े से डर गए हैं, जो पढ़ाई में थोड़े से कमजोर हैं और दो बार की परीक्षा में अधिक तैयारी के बिना अच्छे अंकों से पास हो रहे थे। अपनी परेशानी को वे अलग-अलग स्कूलों के शिक्षकों के समक्ष रख रहे हैं। वे सोच रहे थे परीक्षा आनलाइन ही होगी। शिक्षकों ने नईदुनिया को बताया विद्यार्थी अपने डर को उनके सामने रख रहे हैं। वजह, बेहतर तैयारी के लिए समय कम रह जाना। ऐसे में उन्हें अनसाल्ड पेपर की मदद लेने को कहा जा रहा है। विद्यार्थियों के अभिभावकों को मदद करने के लिए कहा जा रहा है। उत्कृष्ट विद्यालय मुरार की शिक्षक और काउंसलर डा. दीप्ति गौड़ का कहना है कि उन्होंने अपने विद्यार्थियों को पूर्व में बता दिया था कि इस बार परीक्षा आफलाइन मोड पर होने की संभावना है, क्योंकि तेजी से वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किए गए प्रश्न बैंक से तैयारी करने की बोल दिया गया है।
हाेशियार विद्यार्थी कोरोना से उलझ गए थे: शिक्षक ममता भार्गव कोरोना की वजह से होशियार और कमजोर विद्यार्थियों के बीच का फर्क खत्म हो गया था। होशियार विद्यार्थी उलझ गए थे। अब उन्हें फिर से बेहतर परफार्मेंस देने का मौका मिल गया है। गौर किया जाए तो विद्यार्थियों की तैयारी हमारी नजर में संतोषजनक नहीं है। कई विद्यार्थियों ने बताया उनके पास एंड्रायड फोन ही नहीं है। यह बात सही है कमजोर विद्यार्थी आफलाइन परीक्षा की वजह से परेशान हैं। उन्हें पुराने पेपर के आधार पर तैयारी करने को बोल दिया है।
क्या कहते हैं विद्यार्थीः 10वीं की मित्रा शर्मा का कहना है अचानक टाइम टेबल आ जाने से वे घबरा गई हैं। हर्षिता सिरोलिया का कहना है कोरोना के कारण उनका काफी नुकसान हुआ है। वे इस बार 12वीं में है। तैयारी को कमजोर मान रही हैं, इसलिए दिन में दो बार अपने शिक्षकों से बात करती हैं।
क्या कहते हैं अभिभावकः अभिभावक ममता और संजीव शर्मा का कहना है उनके बच्चे दो साल से स्कूल नहीं गए हैं। उन्हें मोबाइल पर परीक्षा देने की लत लग गई है। कई बार वे कक्षा के बीच मोबाइल पर गेम खेलते हुए पकड़े गए। अब आफलाइन परीक्षा हो रही है ऐसे में उन्हें खुद 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों पर ध्यान देना पड़ रहा है। वहीं हिमांशु शर्मा का कहना है उनका बेटा 12वीं में है। यह बात सही है, भले ही उसने आनलाइन पढ़ाई की, लेकिन कहीं न कहीं वह कमजोर भी हुआ है। इसलिए उसे हर दिन वे एक घंटे का समय दे रहे हैं।
भोपाल से आए बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र, 14 व 15 को होगा वितरणः माध्यमिक शिक्षा मंडल के भोपाल मुख्यालय से शनिवार को जिले की समन्वयक संस्था पद्मा स्कूल में बोर्ड परीक्षा से संबंधित सामग्री पहुंचाई गई। मुख्यालय से ट्रक से प्रश्न पत्र और प्रायोगिक परीक्षा से जुड़ी सामग्री लाई गई। स्कूल के स्ट्रांग रूम में सामग्री को रखवाकर लाक कर दिया गया है। रूम की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। अब ये स्ट्रांग रूम 14 फरवरी यानी सोमवार को खोला जाएगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रों पर सामग्री का वितरण होगा। मंगलवार को शहरी क्षेत्र में वितरण किया जाएगा। शनिवार को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी ने केंद्राध्यक्षों की बैठक लेकर नकल रोकने के निर्देश दिए।