भोपाल के शाहजहानी पार्क में स्थित बायो गैस के बंद प्लांट में रविवार को भीषण आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि धुआं शहर के कई किमी तक देखा गया और बीच-बीच में धमाके भी हुए। आग शाम लगभग 5.30 बने भड़की और डेढ़ घंटे तक विकराल रही। फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिए 3 फॉर्म टेंडर, 2 ब्राउजर और 3 से अधिक गाड़ियों लगानी पड़ीं।
करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग बुझने के बाद भी धुआं शहर में फैलता रहा, जिससे पुराने भोपाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) तीन घंटे में 20 से 302 तक पहुंच गया। इसके कारण आसपास के लोग, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी मरीज, आंखों में जलन, आंसू और सांस लेने में परेशानी महसूस करने लगे। फायर विभाग और नगर निगम ने आग के बाद प्लांट से कचरा हटाया और सुरक्षा बढ़ा दी।
फायर अधिकारी शक्ति तिवारी के मुताबिक, शाम 5:50 बजे आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद तुरंत टीम मौके पर पहुंच गई। करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया गया। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची। प्लांट की ओर आने वाली सड़क को पुलिस ने बंद कर दिया है।

पुराने भोपाल का AQI 3 घंटे में 20 से 302 तक पहुंचा
आग से उठे धुएं ने शहर में PM 2.5 की मात्रा बढ़ा दी। पुराने भोपाल का AQI तीन घंटे में 20 से 302 तक पहुंच गया। MPPCB के ब्रजेश शर्मा के अनुसार, यह बच्चों, बुजुर्गों और सांस रोगियों के लिए खतरनाक है, आंखों में जलन, आंसू और सांस में परेशानी बढ़ाता है।
प्लांट में बड़ी मात्रा में गोबर, प्लास्टिक और सूखी घास जमा थी
प्लांट में गोबर और कचरा जमा था। बंद होने के बावजूद भी रसायनिक क्रिया से गैस बनने की संभावना थी। फोम टेंडर से आग को बुझाया गया। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे बंद संयंत्र स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक होते हैं। प्लांट में बड़ी मात्रा में गोबर, प्लास्टिक और सूखी घास जमा थी। निगम के अनुसार प्लांट में शराब पीने वाले लोग आते थे। अधिकारी मानते हैं कि किसी ने जलती बीड़ी या सिगरेट फेंकी, जिससे आग भड़की। यह प्लांट 2017-18 से बंद था और सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी।एसीपी चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। यह फायर केमिकल का प्लांट था। इसके आसपास कचरे का ढेर था, जहां आग लगी हुई थी। पहले यहां केमिकल बनता था।




