साइबर अपराधी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के नाम पर ठगी कर रहे हैं। जालसाज एसआईआर फॉर्म या इसी नाम से फर्जी कॉल कर ओटीपी मांगते हैं और बैंक खाते से लाखों की रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।
भोपाल सायबर पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर बताया है कि साइबर अपराधी भ्रमित करने के लिए सरकारी दिखने वाले नामों अथवा लोगो का इस्तेमाल कर एसआईआरडॉटएपीके फाइल नाम से फर्जी एपीके इन्स्टॉल कराते हैं।
साइबर अपराधियों से ऐसे बचें
- यदि किसी अनजान व्यक्ति का कॉल आए और वह कहे कि आपके एसआईआर फाॅर्म के लिए आपके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा है। वह हमें बता दें तो किसी भी स्थिति में ओटीपी साझा न करें। आप स्पष्ट रूप से कहें कि मैं इस विषय में सिर्फ ऑफिस जाकर बात करूंगा या बीएलओ से ही संपर्क करूंगा।
- कोई भी सरकारी एजेंसी कभी भी कॉल, व्हाट्सएप, एसएमएस या एपीके फाइल के माध्यम से ओटीपी, बैंक खाते आदि की जानकार नहीं मांगती है। ऐसी जानकारी किसी से साझा न करें।
- किसी एसआईआरडॉटएपीके फाइल को डाउनलोड या इंस्टाल करने से आपके मोबाइल से कांटेक्ट्स, फोटो, मैसेज और बैंकिंग जानकारी चोरी हो सकती है। आपके एसएमएस पढ़कर आपके बैंक खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं। सोशल मीडिया, ईमेल और यूपीआई एप्स के लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुराए जा सकते हैं। मोबाइल में वायरस या मालवेयर डाल जा सकता है।




