इंदौर के कोरल अस्पताल में हुई नवजात की मौत को लेकर परिजन धरने पर बैठे हैं। परिजनों का आरोप है कि बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों ने गुमराह किया। ज्यादा पैसे वसूले और जब उसकी मौत हो गई तो एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया।
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने शनिवार रात को भी अस्पताल में जाकर हंगामा किया था। रविवार को परिजनों ने बच्चे का अंतिम संस्कार किया। सोमवार दोपहर एक बजे परिजन और रिश्तेदार फिर कोरल अस्पताल पहुंच गए। यहां हंगामा करते हुए उन्होंने मौके पर डॉक्टर को बुलाने, केस की निष्पक्ष जांच और इलाज की राशि लौटाने की मांग की है। धरना रात तक जारी है।
पिता बोले-लापरवाही से गई जान परिजन के साथ रिश्तेदार, संबंधी फिर अस्पताल पहुंचे और इलाज करने वाले डॉक्टर को बुलाने की मांग की है। बच्चे के पिता मोनू का आरोप है डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की जान गई है।
उन्होंने नवजात के दो एक्सरे बताए और कहा कि डॉक्टर गुमराह कर रहे हैं कि बच्चे के ऑर्गंस डेवलप नहीं हुए थे। जबकि पहले वाले एक्सरे में सारे ऑर्गन्स खुद डॉक्टर ने डेवलप बताए थे।
बच्चे की मौत यहीं हो गई थी लेकिन टालने के लिए एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया। हमें कहा कि वहां ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार है। तीसरी मंजिल पर पहुंचने के बाद बच्चे को रख दिया गया। एक घंटे तक इलाज ही शुरू नहीं किया।
परिजन और डॉक्टर में नहीं हो सकी बातचीत सूचना मिलने के बाद दोपहर को पुलिस मौके पर पहुंची तो परिजन ने उन्हें फिर सारी स्थितियों से अवगत कराया। पुलिस ने परिजन और डॉक्टर के बीच बातचीत कराने का प्रयास किया लेकिन नहीं हो सकी।
अस्पताल की ओर से एक जूनियर डॉक्टर ने आकर उनकी बात सुनी। फिर कहा कि आपकी बात जल्दी ही करवाते हैं लेकिन फिर कोई नहीं आया। इसे लेकर परिजन अभी भी अस्पताल में ही धरने पर डटे हैं।
महू में हुई डिलीवरी, इंदौर किया रैफर
दरअसल, महू निवासी श्रद्धा पति मोनू कौशल को गर्भावस्था में हार्ट बीट बढ़ने के कारण 23 अक्टूबर को महू के अस्पताल में एडमिट किया गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने दोनों को खतरा बताया और 7वें माह में ही डिलीवरी कराने की सलाह दी।
परिवार की सहमति के बाद डिलीवरी कराई गई लेकिन नवजात प्री-मेच्योअर हुआ। उसकी हालत कमजोर होने पर उसे न्यू पलासिया स्थित कोरल हॉस्पिटल में एनआईसीयू में एडमिट किया गया।
तीन दिनों से उसकी हालत और कमजोर होती गई। शनिवार को स्थिति काफी खराब हो गई तो अस्पताल प्रबंधन ने परिजन को एमवाय अस्पताल रैफर करने की सलाह दी। परिजन उसे देर शाम एमवाय अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।
इससे बाद गुस्साए परिजन नवजात को शव लेकर कोरल अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। हंगामे की सूचना मिलने के बाद पुलिस अस्पताल पहुंची थी।
हंगामे के दौरान परिजनों का कहना था कि डॉक्टरों ने उनसे झूठ बोला। उसकी मौत यहीं हो गई थी। इलाज के नाम पर भी ज्यादा राशि वसूली गई। उन्होंने नवजात की मौत की जांच की मांग की थी। इसके बाद पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एमवायएच भेज दिया गया था।




