विदिशा में शहर के विकास कार्यों में कथित ठहराव और नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों के विरोध में पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि पिछले छह दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। इसी क्रम में सोमवार रात माधवगंज चौराहे से एक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने इसे जनप्रतिनिधियों और नगर पालिका प्रशासन को जागरूक करने का प्रयास बताया और कहा कि कई दिनों से आंदोलन चल रहा है, फिर भी किसी भी स्तर पर संतोषजनक पहल नहीं की गई।

मशाल जुलूस माधवगंज चौराहे से शुरू होकर तिलक चौक, बंसकुली और गांधी चौक जैसे प्रमुख मार्गों से होते हुए नीमताल पहुंचा। गांधी जी की प्रतिमा के सामने पार्षदों ने विधायक के खिलाफ नारे लगाए और ‘रघुपति राघव राजा राम’ भजन का भी आयोजन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शहर के विकास कार्यों में विधायक मुकेश टंडन हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिसके चलते अधिकांश प्रोजेक्ट रुके पड़े हैं।
पार्षद प्रतिनिधि धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि छह दिन के धरने के बावजूद शहर में कोई काम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मशाल जुलूस को जनता का व्यापक समर्थन मिला और आगे वे गायत्री सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन करेंगे, ताकि जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक निर्णय लेने की प्रेरणा मिले। चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि मांगें नहीं मानी गईं तो वे विदिशा से पैदल मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक यात्रा करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो दिल्ली पहुंचकर शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे।
विधायक का पुतला जलाने की भी योजना तीसरी बार निर्वाचित पार्षद अशोक जाट ने आरोप लगाया कि नगर पालिका में भ्रष्टाचार चरम पर है और अधिकारी आंदोलनकारियों से संवाद तक करने नहीं आए। उन्होंने कहा कि जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से मशाल जुलूस निकाला गया है और अगर समाधान नहीं मिला तो वे विधायक का पुतला दहन करेंगे।
पार्षद जमुना कुशवाहा ने दावा किया कि नगर पालिका के सीएमओ ने कई विकास कार्य रोक दिए हैं, जिसके चलते शहर में धूल, गंदगी और अव्यवस्था बढ़ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक रुके हुए काम फिर से शुरू नहीं होते, धरना जारी रहेगा। कांग्रेस पार्षद आशीष माहेश्वरी ने भी आरोप लगाया कि नगर पालिका में राजनीतिक दखलंदाजी के कारण विकास कार्य ठप पड़े हैं और भाजपा सहित विभिन्न दलों के पार्षद इस मुद्दे पर एकजुट हैं।




