जबलपुर में पदस्थ आरटीओ अधिकारी संतोष पाल के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष पाल और उनकी पत्नी, सीनियर क्लर्क रेखा पाल, की करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार और काली कमाई के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित की थी। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के प्रावधानों के तहत की है।
ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जांच के अनुसार, आरटीओ संतोष पाल और रेखा पाल की सत्यापित वैध आय मात्र 73.26 लाख रुपए थी, जबकि उनके पास लगभग 4.80 करोड़ रुपए की संपत्ति और खर्चों का ब्योरा मिला है।
यह उनकी वैध आय से करीब 4.06 करोड़ रुपए अधिक है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी बेहद सुनियोजित तरीके से अपने बैंक खातों में नकदी जमा करते थे। खास तौर पर ऋण की ईएमआई चुकाने से ठीक पहले खातों में कैश जमा किया जाता था, ताकि बेहिसाब काली कमाई को बैंकिंग सिस्टम का हिस्सा बनाया जा सके।
आलीशान मकान, कई आवासीय भूखंड, दुकानें जब्त
जब्त की गई संपत्तियों में जबलपुर स्थित उनका आलीशान आवासीय मकान, कई आवासीय भूखंड, कृषि भूमि और व्यवसायिक दुकानें शामिल हैं। इस मामले की शुरुआत अगस्त 2022 में हुई थी, जब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने संतोष पाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
उस समय आरटीओ के घर में मौजूद विलासिता देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए थे। कार्रवाई के दौरान 16 लाख रुपए नकद के साथ घर के भीतर एक निजी थिएटर भी मिला था, जिसमें आलीशान सीटें लगी थीं। ईओडब्ल्यू की उसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत यह कार्रवाई की है।




