भोपाल में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच दूध उत्पादन बढ़ाने को लेकर हुए एमओयू के बीच अब विधानसभा की कृषि विकास समिति भोपाल और इंदौर संभाग का दौरा कर इसके बारे में जानकारी लेगी।
कृषि विकास समिति के सभापति और सदस्यों की टीम इस दौरान भोपाल में हबीबगंज भोपाल के सांची दुग्ध संघ के प्लांट और नए लैब का निरीक्षण करेंगे। यहां किसानों से किए जाने वाले दूध के कलेक्शन, प्रोडक्ट का प्रोडक्शन किए जाने और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
विधानसभा की कृषि विकास समिति के सभापति दिलीप सिंह परिहार और उनकी टीम भोपाल और उज्जैन संभाग का दौरा 21 से 23 अप्रैल तक करेगी। समिति का दौरा 21 अप्रैल को एमपी राज्य पशुधन और कुक्कुट विकास निगम के केंद्रीय वीर्य संग्रहण केंद्र केरवा डैम से शुरू होगा।
इसके बाद समिति दुग्ध उत्पादन कार्य का अवलोकन और संचालन पद्धति के साथ उसकी प्रोसेस समझेगी। साथ ही फॉर्म पर मौजूद पशुओं की नस्लों और उनकी प्रोडक्टिविटी की जानकारी ली जाएगी। इस दौरान समिति यह जानेगी कि तीन सालों में आय के साधन, व्यय के साथ देसी नस्लों के संवर्धन और संरक्षण की क्या स्थिति रही है?
कृषि विकास समिति मध्यप्रदेश राज्य बीज और फॉर्म विकास निगम में बीज उत्पादन और निगम द्वारा संचालित फॉर्म की तीन सालों की प्रोग्रेस, हानि आदि के बारे में जानकारी लेगी। इसके बाद समिति उज्जैन संभाग में संभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेगी और कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन का निरीक्षण करेगी।
समिति नीमच में भी रुककर बैठक करेगी। समिति में सभापति दिलीप सिंह परिहार के अलावा सदस्य और विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, सुशील कुमार तिवारी इंदू भैया, सचिन बिरला, नरेंद्र प्रजापति, उमाकांत शर्मा, संतोष बरकड़े, श्रीकांत चतुर्वेदी, सचिन यादव, साहब सिंह गुर्जर तथा भैरो सिंह बापू शामिल रहेंगे।
13 अप्रैल शाह की मौजूदगी में हुई है डेयरी बोर्ड व दुग्ध संघ में एमओयू
तीन दिन पहले 13 अप्रेल को भोपाल में राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और एमपी डेयरी फेडरेशन के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एमओयू हुआ है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा था कि मध्यप्रदेश में साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 9% है।
प्रदेश के किसानों के साथ केन्द्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ मिलकर कम से कम 50% गांवों तक सहकारिता और डेयरी गतिविधियों का विस्तार करना आवश्यक है।
इसके लिए आवश्यक नीति निर्माण और प्लानिंग भी करना होगी। केन्द्र सरकार की ओर से वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और उसकी प्रोसेसिंग से विभिन्न उत्पाद निर्मित कर किसानों की आय बढ़ाने की ओर एनडीडीबी और राज्य सरकार एक साथ अग्रसर होंगे। यह रास्ता अभी टू-लेन है, जिसे 6 लेन में विस्तारित करना होगा