भोपाल निगम अध्यक्ष-एमआईसी दावेदारों की दौड़-भाग शुरू
राजधानी भोपाल में नई ‘शहर सरकार’ चुन ली गई हैं। BJP की मालती राय रिकॉर्ड वोटों से महापौर बन गईं तो बीजेपी के 58, कांग्रेस के 22 और 5 निर्दलीय पार्षदों ने जीत हासिल की है। जल्द ही निगम की पहली मीटिंग होगी। जिसमें अध्यक्ष का चुनाव होगा। महापौर के बाद सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सीनियर पार्षदों की दौड़-भाग शुरू हो गई है। इस दौड़ में रविंद्र यती, सुरेंद्र बाडिका, राजेश हिंगोरानी और किशन सूर्यवंशी सबसे आगे हैं, लेकिन यदि समीकरण बदले तो नए नामों पर भी विचार हो सकता है। मंत्री-विधायक अपने समर्थकों के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।महापौर राय पिछड़ा वर्ग है। ऐसे में अध्यक्ष का पद सामान्य या अन्य वर्ग को दिया जा सकता है। इनमें भी सीनियर पार्षद को मौका मिल सकता है। हुजूर से यती, दक्षिण-पश्चिम से सूर्यवंशी, गोविंदपुरा से बाडिका को दावेदार माना जा रहा है। यती और सूर्यवंशी पार्टी जिला महामंत्री भी है, जबकि बाडिका तीसरी बार पार्षद चुने गए हैं और पिछली बार एमआईसी सदस्य भी रहे हैं। हिंगोरानी वार्ड-4 से पार्षद चुने गए हैं। उनकी सबसे कम वोटों से जीत हुई है, लेकिन उनका सामना बीजेपी के ही दो बागियों से था। उनके लिए पार्टी से जुड़े समाज के लोगों ने लॉबिंग शुरू की है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में सिंधी समाज से सिर्फ हिंगोरानी ही पार्षद चुनकर आए हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें मौका दें। दूसरी ओर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह समेत पूर्व विधायक अपने समर्थकों के लिए लगे हुए हैं।समीकरण बदले तो ये भी दावेदारयदि यती, सूर्यवंशी या बाडिका के नाम पर सहमति नहीं बनती है तो दूसरे नामों पर भी विचार किया जा सकता है। इनमें जातिगत और वरिष्ठता का भी ध्यान रखा जा सकता है। वार्ड-33 से चार बार के कांग्रेस पार्षद रहे अमित शर्मा को हराने वाले आरके सिंह बघेल, मनोज राठौर आदि के नाम भी चर्चा में है। राठौर सीनियर पार्षद हैं।