हिल स्टेशन पचमढ़ी स्थित आर्मी एजुकेशन कोर (एईसी) के करियप्पा कंपनी परिसर में बुधवार दोपहर करीब 2:20 बजे भूटान आर्मी के 27 वर्षीय जवान शिवांग गेलसेन की तालाब में डूबने से मौत हो गई। इंटरनेशनल मामला होने की वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां गुरुवार को पोस्टमार्टम किया गया।
पुलिस के अनुसार मृतक शिवांग गेलसेन, पिता सोनम, रॉयल भूटान आर्मी में आरक्षक (रैंक – चुमा) के पद पर कार्यरत था। वह 7 मई 2025 से 7 अक्टूबर 2025 तक की 5 महीने की ट्रेनिंग पर पचमढ़ी आया था। यहां वह एईसी के आरएम कोर्स में बैंड सीखने की ट्रेनिंग ले रहा था।
खाने के बाद तालाब के पास गया पचमढ़ी थाना प्रभारी अनूप सिंह उईके ने बताया कि बुधवार को दोपहर का खाना खाने के बाद शिवांग सेंटर परिसर के तालाब के पास गया था। वह कभी-कभार मछली पकड़ने भी जाता था। उसी दौरान वह अचानक तालाब में गिर गया और डूबने लगा। उसने बचाव के लिए आवाज लगाई।
साथियों ने बचाने की कोशिश की
शिवांग की आवाज सुनकर उसके साथी तेजसिंह समेत अन्य जवान दौड़कर मौके पर पहुंचे और उसे तालाब से बाहर निकालकर तुरंत आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम भोपाल में हुआ पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। पानी में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है। चूंकि मामला विदेशी सेना के जवान से जुड़ा था, इसलिए प्रक्रिया के तहत शव को भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
विदेश मंत्रालय को भेजी जाएगी रिपोर्ट मामला अंतरराष्ट्रीय होने के कारण सेना और जिला प्रशासन दोनों सतर्क हैं। सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और संबंधित रिपोर्ट रॉयल भूटान आर्मी व विदेश मंत्रालय को भेजी जाएगी।
संगीत की ट्रेनिंग के लिए देश में एक मात्र सेंटर देश में संगीत के सैनिकों की ट्रेनिंग की एकमात्र जगह है पचमढ़ी। यहीं है आर्मी म्यूजिक स्कूल। 75 साल पुराने यह म्यूजिक स्कूल एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मिलिट्री म्यूजिक स्कूल है। पहले नंबर पर आता है लंदन का मिलिट्री म्यूजिक स्कूल।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिजिटल म्यूजिक ट्रेनिंग के लिए पचमढ़ी में बने भारतीय सेना के मिलिट्री म्यूजिक विंग को आईएसओ सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। 1997 में सबसे बड़े मिलिट्री बैंड के लिए इसका नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ था।यहां देश के 60 म्यूजिक बैंड और 11 हजार से ज्यादा म्यूजिक सोल्जर तैयार हुए हैं।
श्रीलंका, अफगानिस्तान म्यांमार और नेपाल से ट्रेनिंग लेने आते हैं
भारत के अलावा श्रीलंका, अफगानिस्तान, माली, भूटान, म्यांमार और नेपाल जैसे 14 देशों के अफसर-जवान भी यहां म्यूजिक की ट्रेनिंग लेते हैं। सैनिकों के लिए यहां 3 महीने से लेकर 148 हफ्तों के दस कोर्स चलाए जाते हैं। सेना के अलावा नौसेना, वायुसेना के साथ पुलिस, असम राइफल, सीआरपीएफ, बीएसएफ, पैरामिलिट्री फोर्सेस भी अपने सैनिक-अफसरों को यहां ट्रेनिंग के लिए भेजती हैं।