मंदसौर में पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के 22 वर्षीय बेटे हर्शुल जैन उर्फ हनी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की कहानी रच डाली और परिवार से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगने की योजना बनाई। पुलिस ने तकनीकी जांच के बाद 24 घंटे से भी कम समय में सुलझा दिया।
शामगढ़ पुलिस के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर कमल जैन का परिवार सर्किट हाउस के पीछे बने सरकारी बंगले में रहता है। इंजीनियर कमल जैन ने गुरुवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा हर्शुल सुबह करीब 8 बजे कोटा जाने के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में उसका अपहरण हो गया। दोपहर करीब 4 बजे परिवार को हर्शुल के मोबाइल नंबर से कॉल आया, जिसमें अपहरणकर्ताओं ने 50 लाख रुपए की फिरौती की मांग की थी।

मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल में विरोधाभास
इस सूचना के बाद मंदसौर पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई। एसपी विनोद कुमार मीणा के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया। कोटा और राजस्थान के कई इलाकों में पुलिस ने लोकेशन के आधार पर जांच शुरू की। शुरू में यह मामला एक गंभीर अपहरण की तरह सामने आ रहा था, लेकिन पुलिस को हर्षिल के मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल में कई विरोधाभास नजर आए।
करीबी दोस्त को पकड़ा तो हुआ फर्जी अपहरण का खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने हर्शुल के सबसे करीबी दोस्त गणपत सिंह को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ में गणपत ने वह सच बताया, जिसने केस की दिशा ही बदल दी। उसने खुलासा किया कि हर्शुल गहरे कर्ज में था और आर्थिक दबाव के चलते उसने खुद ही किडनैपिंग का प्लान बनाया। उसके तीन दोस्त गणपत सिंह, जनरल सिंह (बलौदा, बूंदी) और कुलदीप अमरालिया (चौराया, बूंदी) इस साजिश में शामिल थे।

कोटा में शुरू करने वाला था कूलर की जाली बनाने की फैक्ट्री
गणपत ने बताया कि हर्शुल को उम्मीद थी कि परिवार फिरौती की भारी रकम जुटा लेगा और इससे वह अपना कर्ज चुका सकेगा। पुलिस को यह भी पता चला कि हर्शुल कोटा में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाता था और कुछ समय पहले वहां कूलर की जाली बनाने की एक फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी कर रहा था। इसके अलावा वह स्थानीय स्तर पर एक देशी चाय दुकान का संचालन भी करता था। इन सभी कामों में हुए घाटे और बढ़ते कर्ज ने उसे इस अपराध की ओर धकेल दिया।
दो आरोपियों की तलाश में कोटा और बूंदी में पुलिस की दबिश
पुलिस ने हर्शुल और गणपत को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि दो अन्य आरोपी जनरल सिंह और कुलदीप अमरालिया अभी भी फरार हैं। उनकी तलाश में कोटा, बूंदी और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
एसपी विनोद कुमार मीणा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरा अपहरण हर्शुल ने रचा था। उन्होंने कहा कि पुलिस सभी तकनीकी पहलुओं और पैसों के लेनदेन की जानकारी खंगाल रही है। जल्द ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।




