ग्वालियर में भाजपा के अंदरूनी विवाद ने शुक्रवार शाम राजनीतिक माहौल गरमा दिया। बहोडापुर क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं को लेकर सांसद भारत सिंह कुशवाह और भाजपा नेता पप्पन यादव के बीच तीखी बहस हो गई।
विवाद उस समय और बढ़ गया, जब नाराज़ पप्पन यादव सांसद की गाड़ी के आगे लेट गए। इस घटना के बाद मौके पर भारी हंगामा और अफरा-तफरी मच गई।
घटना शुक्रवार शाम उस समय हुई, जब सांसद भारत सिंह आनंद नगर पार्क के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य शिवराज यादव के पिता और भाजपा के स्थानीय नेता पप्पन यादव भी मौजूद थे।
जैसे ही निरीक्षण खत्म हुआ और सांसद अपने वाहन की ओर बढ़े पप्पन यादव ने उनसे आग्रह किया कि वे आसपास बने कुछ शौचालय और क्षेत्र में फैली गंदगी दिखाने उनके साथ चलें।
हालांकि, सांसद ने इसे तत्काल देखने से इनकार कर दिया। इसी बात से नाराज़ होकर पप्पन यादव अचानक सांसद की कार के सामने सड़क पर लेट गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन वे लगातार चिल्लाते रहे- “जनता की समस्या दूर नहीं करेंगे तो काहे के सांसद!”
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान पप्पन यादव ने सांसद के प्रति अपशब्द भी कहे। भाजपा जैसे अनुशासनप्रिय माने जाने वाले दल के भीतर ऐसी स्थिति पहली बार देखी गई, जिससे पार्टी नेताओं में भी असहजता का माहौल बन गया।
समस्याओं के समाधान को लेकर था विवाद स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पप्पन यादव पिछले काफी समय से क्षेत्र की समस्याओं- जैसे गंदगी, शौचालयों की खराब स्थिति और विकास कार्यों की धीमी गति को लेकर सांसद से नाराज़ थे। उनका आरोप है कि कई बार समस्याओं के समाधान की मांग के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शुक्रवार को भी जब सांसद ने स्थल का मुआयना करने से इनकार किया तो यादव का गुस्सा फूट पड़ा।
यादव सड़क पर लेटकर तब तक विरोध करते रहे जब तक वहां मौजूद लोगों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें मनाकर हटाया नहीं। इस दौरान दोनों पक्षों के समर्थकों में भी बहस और नोकझोंक देखने को मिली, जिससे स्थिति कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गई। घटना के दौरान सांसद भारत सिंह नाराज़ नजर आए, लेकिन उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की।



कौन हैं पप्पन यादव? गाड़ी के सामने लेटकर विरोध करने वाले पप्पन यादव कोई सामान्य कार्यकर्ता नहीं, बल्कि जिला पंचायत सदस्य शिवराज सिंह यादव के पिता हैं। शिवराज ने पिछले चुनाव में निर्दलीय रूप से जीत हासिल की थी और बाद में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए थे। राजनीतिक रूप से सक्रिय पप्पन यादव स्थानीय स्तर पर प्रभावी माने जाते हैं।




