रोहित हाउसिंग सोसाइटी घोटाले के मास्टरमाइंड घनश्याम राजपूत और उनके बेटे विशाल राजपूत के खिलाफ कोलार थाने में धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज हुआ है। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को की गई।
पुलिस के अनुसार आरोपी घनश्याम ने भोपाल के देहरी कला स्थित फरियादी सौरभ जैन की जमीन पर कब्जा जमाने के लिए भारतीय जनता पार्टी का फर्जी लेटरपैड इस्तेमाल किया। इस लेटरपैड पर खुद को उन्होंने भाजपा के “प्रधानमंत्री जन कल्याण प्रकोष्ठ” का सहसंयोजक बताया। जबकि जांच में स्पष्ट हुआ कि भाजपा में ऐसा कोई प्रकोष्ठ है ही नहीं।
भाजपा ने किया साफ इनकार भाजपा प्रदेश कार्यालय की ओर से भी बयान दिया गया कि “प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना प्रकोष्ठ” नाम से पार्टी का कोई स्थायी प्रकोष्ठ नहीं है। न ही घनश्याम सिंह राजपूत को कभी इस पद पर नियुक्त किया गया। इससे साफ हो गया कि आरोपियों ने प्रधानमंत्री और भाजपा के नाम का दुरुपयोग किया।
सौरभ जैन ने इस फर्जी लेटरपैड के आधार पर भोपाल डीसीपी को शिकायत भी दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए लेटरपैड की जांच भाजपा कार्यालय से कराई गई। जहां पूरे मामले का खुलासा हुआ।
कोर्ट से दर्ज हुई एफआईआर
फरियादी की ओर से एडवोकेट सोनल नायक ने कोर्ट में पूरे मामले की जानकारी दी। कोर्ट के आदेश के बाद ही कोलार थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। घनश्याम राजपूत पहले से ही कई मामलों में आरोपी है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई कोर्ट से उसे चार साल की सजा हो चुकी है। इसके अलावा ईओडब्ल्यू में भी उसके खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। रोहित हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में घनश्याम राजपूत को मास्टरमाइंड माना जाता है। ईओडब्ल्यू की जांच में संस्था के खातों से करीब 22 करोड़ रुपए की हेराफेरी का खुलासा हुआ था।