टॉप-न्यूज़

वन विभाग में 165 करोड़ की वसूली का मामला

वन विभाग ने 6 हजार 5 सौ 92 फारेस्ट गार्ड से 165 करोड़ रुपए की रिकवरी के मामले में नया आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वित्त विभाग के 31 मार्च 2016 के आदेश के अनुसार 5200 के स्थान पर 5680 पे-बैंड का लाभ ले रहे फारेस्ट गार्ड के वेतन का फिर से निर्धारण करें। यानी 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच भर्ती हुए फारेस्ट गार्ड्स को सैलरी में दी गई अधिक राशि की वसूली नहीं की जाएगी। इस राशि की वसूली अब उन अधिकारियों से की जाएगी, जिन्होंने नियमों का ध्यान न देकर पे-बैंड की स्वीकृति दी है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 के बीच भर्ती हुए फारेस्ट गार्ड्स को 8 साल 8 माह में 480 रुपए प्रति माह की दर से अधिक सेलरी दी गई, 12% ब्याज के साथ यह राशि करीब 165 करोड़ रुपए होती है। वित्त विभाग ने इस गड़बड़ी को पकड़ा और अगस्त 2024 में वन विभाग को निर्देश दिए कि फारेस्ट गार्ड भर्ती नियम के तहत इन कर्मचारियों की सेलरी फिक्स की जाए। इतना ही नहीं, इस अवधि में दी गई अधिक राशि की वसूली भी की जाए। इसका पालन करते हुए वन विभाग ने 20 सितंबर 2024 को रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे।

रिकवरी के आदेश होने के बाद फारेस्ट गार्ड वन बल प्रमुख और वन मंत्री से मिले। मंत्री के निर्देश पर 15 अक्टूबर को रिकवरी पर रोक लगा दी गई और अब विभाग ने मैदानी अधिकारियों से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर 31 मार्च 2016 को वित्त विभाग ने आदेश जारी किया था। उसके आधार पर अन्य कार्रवाई की जाए। नए निर्देश के अनुसार अब उन अधिकारियों से वसूली की जाएगी, जिनकी गलती से फारेस्ट गार्ड को अधिक सेलरी दी गई है।

मप्र कर्मचारी मंच ने किया स्वागत

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि फारेस्ट गार्ड से वसूली के निर्देश हुए थे, जिसका मंच ने विरोध किया था। जिस कारण पहले वन मुख्यालय ने वसूली पर रोक लगाई और अब मध्य प्रदेश शासन वन विभाग ने फारेस्ट गार्ड के वेतन से वसूली न करने का आदेश जारी कर दिया है।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770