जबलपुर हाईकोर्ट में शादी को लेकर आरक्षक ने झूठ बोला
मंगलवार को जबलपुर एसपी कार्यालय में एक युवती ने पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। युवती का आरोप है कि दोस्ती के बाद शादी का झांसा देकर आरक्षक 10 साल तक साथ रहा। नोटरी में लिखा पढ़ी कर शादी की और कुछ माह साथ रखा, फिर कुछ समय बाद ही दूसरी महिला से शादी रचा ली।
दरअसल, रीवा जिले के बैकुंठपुर में रहने वाली युवती (26) ने मध्यप्रदेश पुलिस में पदस्थ आरक्षक पर धोखाधड़ी और शादीशुदा होने के बावजूद दूसरी महिला से शादी रचाने का आरोप लगाया है। युवती ने पुलिस अधिकारियों को दोनों की शादी के सबूत भी दिए हैं। युवती के मुताबिक पुलिस लाइन में पदस्थ अजय साकेत नाम के सिपाही के खिलाफ बीते कई दिनों से रीवा और जबलपुर एसपी ऑफिस में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत के बाद अजय ने युवती को सरेराह धमकाया। युवती की शिकायत पर जबलपुर एसपी ने मुख्यालय डीएसपी को जांच सौंपी है।
दोनों एक ही गांव के रहने वाले
बैकुंठपुर निवासी युवती और पुलिस आरक्षक अजय साकेत एक ही गांव के रहने वाले है। दोनों की 10 साल पहले सरकारी परीक्षा की तैयारी के दौरान दोस्ती हुई। एक ही गांव के होने के कारण दोस्ती प्यार में बदल गई। 2019 में अजय की पुलिस विभाग में नौकरी लग गई। इस दौरान भी दोनों का मिलना जारी रहा। युवती का कहना है कि, 2019 में जब अजय की जबलपुर जिले के मझौली थाने में पोस्टिंग थी, उस दौरान वह पांच से छह दिन जबलपुर में आकर रुकी थी, और फिर अजय के साथ नोटरी के माध्यम से शादी भी की। कुछ दिन ठीक चला फिर अचानक ही अजय ने अपना फोन बंद कर बात करना बंद कर दी।, परेशान युवती अजय के घर पहुंची। वहां अजय के परिवार ने यह कहते हुए भगा दिया कि अगर दोबारा कभी अजय से बात करने की कोशिश की तो ठीक नहीं होगा। युवती ने पुलिस आरक्षक के घर वालों को शादी नोटरी लेटर भी दिखाया। लेकिन उन्होंने युवती की बात नहीं मानी।
संबंध बनाए बोला- छुट्टी मिलते ही शादी करेगा
रीवा से जबलपुर पहुंची युवती ने बताया कि नोटरी के माध्यम से शादी करने के बाद अजय साकेत ने मझौली थाने के शासकीय क्वार्टर में 5-6 दिन रखा। दोनों के बीच संबंध भी बने। आरक्षक ने युवती से कहा कि, जैसे ही जबलपुर से छुट्टी मिलेगी, रीवा चल कर कलेक्ट्रेट में विधिवत रजिस्ट्रेशन करवाकर शादी करेंगे और फिर सर्विस बुक में तुम्हारा नाम दर्ज करवाकर तुम्हें पत्नी का हक दूंगा।
2020 में अजय ने अपना मोबाइल बंद कर लिया। आखिर में युवती ने रीवा महिला थाने में शिकायत दर्ज करवाई। थाने से फोन जाने पर पुलिस आरक्षक ने समझौता करने की हामी भर जल्द शादी करने की बात कही। इस दौरान अजय ने युवती को मैहर मंदिर ले जाकर शादी का आश्वासन दिया। इसके बाद फिर आरोपी अपना मोबाइल बंद कर जबलपुर आ गया।
परिवार ने शादी शून्य घोषित करने का आवेदन दिया
पुलिस आरक्षक अजय साकेत रीवा से जबलपुर आ गया तो उसके परिवार वालों ने रीवा कुटुम्ब न्यायालय में आवेदन लगाकर शादी को शून्य करने की मांग की। कोर्ट में कहा गया कि अजय और युवती एक ही गांव, एक ही जात-बिरादरी के हैं और आपस में रिश्तेदार भी हैं। इसलिए यह शादी नहीं हो सकती। इस पर महिला ने कोर्ट को बताया कि अगर आरक्षक को शादी मान्य नहीं थी, तो फिर नोटरी के जरिए शादी क्यों की? क्यों झूठा आश्वासन दिया कि रीवा कलेक्ट्रेट में रजिस्ट्रेशन करवा कर शादी करूंगा?
कुटुम्ब न्यायालय में केस के बाद युवती की शिकायत पर फरवरी 2020 में महिला थाना रीवा ने आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। करीब चार माह तक फरार रहने के बाद सिपाही अजय साकेत ने जून में हाईकोर्ट में युवती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने और युवती को साथ रखने की सहमति पर अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया। जिस पर उसे हाईकोर्ट से जमानत
मिल गई।मई 2023 में की दूसरी शादी
जबलपुर एसपी ऑफिस में अपनी शिकायत पर युवती ने बताया कि, अजय ने हाईकोर्ट में आवेदन दिया कि मुझे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए साथ में रखेगा। इस बीच उसने चोरी छिपे सतना में रहने वाली एक महिला से शादी रचा ली और अब उसके साथ रहता है। युवती के मुताबिक अजय ने फेसबुक के माध्यम से सतना निवासी महिला से दोस्ती कर उससे शादी की। मैंने जब फोन पर अजय से बात करनी चाही तो उसके साथ रह रही महिला ने फोन उठाया और दोबारा कॉल न करने की धमकी दी। पीड़िता के मुताबिक आरोपी अजय के खिलाफ पुलिस को दर्जनों आवेदन देने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। युवती के मुताबिक उसके माता-पिता, भाई-बहन के भी बयान हो चुके हैं,लेकिन अजय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।