भोपाल में शनिवार को संविदा कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन हुआ। नियमितिकरण समेत 9 मांगों को लेकर वे सड़क पर उतरे। लिंक रोड नंबर-2 स्थित अंबेडकर पार्क में धरना दिया। उन्होंने कहा कि धरने के बावजूद यदि सरकार मांगें नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में राजधानी में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले प्रदर्शन हुआ। 9 सूत्रीय मांगों में नियमितिकरण, वेतन विसंगति दूर करने, समान काम-समान वेतन, पेंशन सुविधा और सेवा सुरक्षा जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। मंच के प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह तोमर ने कहा, लंबे समय से मांगें उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इस वजह से मजबूरन कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।


प्रदेश में ढाई लाख संविदा कर्मचारी मंच पर प्रदेश संयोजक तोमर, महामंत्री डीके उपाध्याय समेत सजल भार्गव, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री कुलदीप सिंह, गुलाब सिंह अहिरवार, अमर सिंह जाटव, अभय वाजपेयी, वीरेंद्र सिंह धाकड़ आदि भी मौजूद थे। अतिथियों ने मांगों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि प्रदेश में करीब ढाई लाख संविदाकर्मी हैं, जो नियमित होने की मांग कर रहे हैं। सरकार को जल्दी ही मांगें पूरी करना चाहिए।

महंगाई भत्ता भी नहीं मिल रहा प्रदेश अध्यक्ष तोमर ने कहा कि वर्ष 2023 की संविदा नीति का अक्षरशः पालन नहीं हुआ है। इसके विरोध में संविदा कर्मचारी लामबंद है। संविदा कर्मचारियों को सरकार महंगाई भत्ता भी नहीं दे रही है। मंहगाई के नाम पर उपभोक्ता सूचकांक ही दिया जा रहा है। प्रदेश सह संयोजक भार्गव ने कहा कि यह लड़ाई हमारे हक, सम्मान व सुरक्षा की है। जिसे हम हर स्तर पर शासन के समक्ष रख रहे हैं।
इन मांगों को लेकर प्रदर्शन
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI इंडेक्स के स्थान पर नियमित कर्मचारियों की तरह घोषणा दिनांक से महंगाई भत्ता) DA प्रदान किया जाए।
- नियमित कर्मचारी के समान अर्जित अवकाश एवं मेडिकल अवकाश का प्रावधान हो। अवकाश वर्ष के अंत में व्यापगत न हों।
- संविदा नीति 2023 की सभी कंडिकाओं का अक्षरशः पालन हो।
- सीधी भर्ती में आरक्षित 50% पदों में अनुभव के आधार संविलियन/नियमित किया जाए।
- किसी कारणवश कोई योजना समाप्त की जाती है तो उसके अंतर्गत कार्यरत समस्त संविदा कर्मचारियों को अन्य योजना में समकक्ष पर नियुक्ति देने का प्रावधान किया जाए।
- विसंगति पूर्ण समकक्षता निर्धारण के विरुद्ध प्राप्म अभ्यावेदनों का एक माह के अंदर निराकरण किया किया जाए।
- कृषि विभाग की सबमिशन ऑन एग्रीकल्वर एक्सटेंशन (जात्मा योजना) के संविदा कर्मचारियों की नियमित पद पर समकक्षता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी में पदस्थ, मनरेगा में पदस्थ सीनियर डेटा मैनेजर छटवीं स्थिति में एवं सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में पदस्थ कर्मचारियों के लिए अब तक संविदा नीति लागू नहीं हुई है। इसे तत्काल लागू किया जाए।
- नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अंतर्गत शहरी गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ में कैडर रिवीजन किया जाए।
- प्रत्येक संविदा कर्मचारी का कम से कम 20 लाख रुपए का सामूहिक बीमा किया जाए।
- नियमित कर्मचारियों की तरह महिला संविदा कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान किया जाए।
- पीएससी के पदों पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तरह संविदा को नियमित किया जाए।




