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यूपीएससी में चयनित पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने सम्मानित किया

भोपाल, 30 अप्रैल 2024। सिविल सर्विसेस 2023 (यूपीएससी) के हाल ही में घोषित परिणाम में मध्यप्रदेश पुलिस परिवार के बच्चों ने सफलता अर्जित की है। सतना जिले में पदस्थ एसआई श्री विजय सिंह की पुत्री काजल सिंह और रायसेन (सांची) में एएसआई के पद पर पदस्थ श्री राजू यादव की पुत्री दिव्या यादव का यूपीएससी में चयन हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर मंगलवार को डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना ने दोनों को सम्मानित किया। इस मौके पर काजल सिंह के पिता एसआई श्री विजय सिंह व माता श्रीमती मीरा सिंह और दिव्या यादव के पिता एएसआई श्री राजू यादव व माता श्रीमती कल्याणी यादव उपस्थित थीं।

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  इस अवसर पर डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि गंभीरता, व्यवसायिक दक्षता, कठोर परिश्रम, ईमानदारी, संतुलित आचरण तथा सद्व्यवहार से ही आप आदर्श अधिकारी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि सेवा में आने के बाद आप हर कार्य को गंभीरता से करें और प्रकरण में डिटेल में जांच करें। कई चीजें होंगी, जो आपको प्रलोभित करेंगी, लेकिन मन में भटकाव की स्थिति न लाएं। 
     डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि यह पुलिस परिवार के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है। पुलिस परिवार की बेटियों ने सीमित सुविधाओं के बावजूद अपने कठिन परिश्रम और लगन से सिविल सर्विसेस में चयनित होकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। हमारे अन्य पुलिस कर्मियों और उनके बच्चों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। विपरीत परिस्थियों और चुनौतियों के साथ-साथ हमारे पुलिस जवानों ने परिवार को दिशा दी। देशभक्ति-जनसेवा के ध्येय वाक्य को सार्थक करते हुए आपने पारिवारिक दायित्व को भी बखूबी निभाया है।  

     सतना जिले में एसआई श्री विजय सिंह की बेटी काजल का कहना है कि बचपन से पिता श्री विजय सिंह के संघर्षों को देखा है। पिताजी के कठिन परिश्रम को देखते हुए मैंने भी इसे आत्मसात किया। इसमें मां की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने हमेशा मुझे इस बात के लिए प्रेरित किया कि मुझे आत्मनिर्भर बनना है। मेरा सपना है कि मैं सिविल सेवा में आने के बाद महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयास करूं।

      दिव्या ने बताया कि पिता श्री राजू यादव की पहली नियुक्ति आरक्षक के पद पर हुई थी। बचपन से ही मैं और मेरे भाई ने उनके संघर्षों को देखा है। अधिकतर पिता की ड्यूटी ग्रामीण क्षेत्र के थानों और चौकियों में होती थी। हम भाई-बहनों के उज्ज्वल भविष्य के लिए माता-पिता ने हमें नर्मदापुरम में ही रहकर पढ़ाने का फैसला किया। मां श्रीमती कल्याणी यादव के साथ रहकर हम दोनों ने पढ़ाई की।

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