थकान, हाथ-पैरों में झुनझुनी, दिल की धड़कन बढ़ना या बार-बार सिर दर्द होना, ये सब महज़ स्ट्रेस या कमजोरी के लक्षण नहीं हैं। दरअसल, शहर के सरकारी अस्पतालों में रोज़ाना करीब 50 मरीज ऐसे आ रहे हैं जो इन लक्षणों के साथ पहुंचते हैं, और जांच में पता चलता है कि उनमें विटामिन B12 की गंभीर कमी है। एम्स, हमीदिया और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पतालों में बीते कुछ महीनों से ऐसे मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, अनियमित खानपान, फास्ट फूड की आदत और मिलावटी डेयरी प्रोडक्ट्स की वजह से अब यह कमी आम होती जा रही है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह कमी तंत्रिका तंत्र को नुकसान, याददाश्त में कमी, यहां तक कि अस्थायी लकवे जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
सामान्य स्थिति में विटामिन B12 का स्तर 197 से 700 पिकोग्राम/मिलीलीटर के बीच होना चाहिए। लेकिन अधिकांश मरीजों का स्तर 100 से नीचे पाया जा रहा है।
केस 1: घबराहट को समझा दिल की बीमारी
52 वर्षीय प्रेम श्रीवास्तव को लगातार घबराहट और धड़कन बढ़ने की शिकायत थी। डॉक्टर ने गैस की दवा दी, पर हालत नहीं सुधरी। एम्स भोपाल में जांच के बाद पता चला कि उनका B12 लेवल मात्र 105 है। विटामिन इंजेक्शन और आहार सुधार के बाद अब वे ठीक हैं।
केस 2: 23 वर्षीय खुशबू का बी12 लेवल 57
गौतम नगर निवासी खुशबू को हाथ-पैरों में झुनझुनी, थकान और सांस लेने में तकलीफ रहती थी। जांच में पता चला कि उनका बी 12 लेवल 57 था, जो बेहद कम है। उन्हें इंजेक्शन दिए गए और अब उनका लेवल सामान्य की ओर है।
विटामिन B12 की भूमिका और खतरा
- हाथ-पैरों में झुनझुनी
- थकान और कमजोरी
- सिर दर्द और चक्कर
- मांसपेशियों में जकड़न
- आंखों की रोशनी प्रभावित होना
- चलने-फिरने में परेशानी
- कब्ज या भूख न लगना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, मेमोरी लॉस और डिप्रेशन जैसी गंभीर दिक्कतें विकसित हो सकती हैं।
- जो लोग दवाओं (जैसे एंटासिड या मेटफॉर्मिन) का लंबे समय से सेवन कर रहे हैं, उनमें यह कमी और ज्यादा होती है।
- गर्भवती महिलाओं में बी12 की कमी बच्चे के मस्तिष्क विकास को प्रभावित कर सकती है।
क्यों बढ़ रही है विटामिन B12 की कमी आयुर्वेद विशेषज्ञ. डॉ. नितिन उज्जलिया बताते हैं कि विटामिन B12 लगभग सभी खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, लेकिन यह पानी में घुलनशील होता है, इसलिए खाना ज़्यादा पकाने या उबालने से यह नष्ट हो जाता है। शाकाहारी लोगों में यह कमी ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि यह विटामिन मुख्य रूप से एनिमल प्रोडक्ट्स (दूध, अंडा, मछली, मांस) में प्रचुर मात्रा में होता है।
इन चीजों को डाइट में शामिल करें
- बादाम का दूध या सोया दूध
- गाय या भैंस का दूध और दही
- चीज
- मोटा अनाज, फोर्टिफाइड सीरियल्स और हरी सब्जियां
- मशरूम
- सप्ताह में एक बार अंकुरित अनाज और सूखे मेवे
- एक्सपर्ट की राय
शासकीय होम्योपैथी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की इंचार्ज डॉ. जूही गुप्ता कहती हैं कि विटामिन B12 शरीर के रेड ब्लड सेल्स को हेल्दी रखने और नर्वस सिस्टम को एक्टिव बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति को थकान, झुनझुनी, या सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बार-बार हो रही हैं, तो उसे तुरंत बी12 की जांच करानी चाहिए।
कैसे करें बचाव
- हर साल एक बार बी12 जांच कराएं।
- भोजन को ज़्यादा देर तक न पकाएं।
- दूध, दही या फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करें।
- डॉक्टर की सलाह से विटामिन सप्लीमेंट या इंजेक्शन लें।




