जबलपुर में एक रिटायर्ड अफसर से साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 59 लाख रुपए ठग लिए। खुद को क्राइम ब्रांच अधिकारी बताने वाले कॉलर ने कहा- ‘आपके नाम से फर्जी एटीएम बनाकर करोड़ों का लेन-देन हो रहा है, पुलिस जल्द घर पहुंचने वाली है।’ इस धमकी से घबराकर अफसर ने अपनी पूरी रिटायरमेंट की रकम ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दी।
ठगी का एहसास तब हुआ जब कॉल आना बंद हो गया। साइबर टीम ने कार्रवाई करते हुए जयपुर से दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जो देशभर में ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ का झांसा देकर लोगों को लूटते थे।
कहा– दो घंटे में सिम बंद हो जाएगा 61 वर्षीय शशि शर्मा, यादव कॉलोनी, जबलपुर निवासी हैं। उनके पति चंद्रकेश शर्मा व्हीकल फैक्ट्री से असिस्टेंट वर्क मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं। 10 जनवरी को शशि शर्मा के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके नाम और सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है।
साथ ही बताया कि एक व्यक्ति “नरेश गोयल” ने उनके नाम से फर्जी आधार और एटीएम कार्ड बनवाकर करोड़ों रुपए का लेनदेन किया है। ठग ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच और नेशनल सिक्योरिटी लॉ से जुड़ा अधिकारी बताया और कहा कि दो घंटे में उनका सिम बंद हो जाएगा और पुलिस घर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।
खाते से ट्रांसफर कर दिए लाखों रुपए
कॉल सुनकर महिला घबरा गईं और पूरी बात अपने पति को बताई। पति-पत्नी ने किसी को कुछ बताए बिना कॉलर के कहने पर उसी दिन SBI कमला नेहरू नगर शाखा में जाकर 2 लाख रुपए का पहला ट्रांजैक्शन कर दिया।
इसके बाद लगातार वॉट्सऐप कॉल के जरिए ठग संपर्क में रहा और हर दो घंटे में रिपोर्ट करने के लिए कहता रहा। ठगों ने भरोसा दिलाया कि जांच के बाद पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। इस झांसे में आकर दंपत्ति ने 10 से 20 जनवरी के बीच कुल 59 लाख 65 हजार रुपए तीन किस्तों में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।
- 14 जनवरी – ₹15 लाख
- 17 जनवरी – ₹32.65 लाख
- 20 जनवरी – ₹9.98 लाख
कॉल बंद होने पर बेटी को बताई बात
20 जनवरी के बाद कॉल आना बंद हो गया, तब दंपत्ति ने बैंगलुरु में रहने वाली अपनी बेटी को पूरी बात बताई। बेटी ने समझाया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। 22 जनवरी को दंपत्ति साइबर थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
साइबर टीम ने जयपुर से दो आरोपी पकड़े
शिकायत के बाद साइबर थाना प्रभारी अरविंद आर्मों और क्राइम ब्रांच प्रभारी शैलेष मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। मोबाइल नंबर और बैंक खातों की ट्रैकिंग की गई तो पता चला कि ठग राजस्थान के जयपुर में हैं।
टीम ने जयपुर जाकर मुकेश चौधरी और दीपक कुमावत को गिरफ्तार किया। दोनों पोस्ट ग्रेजुएट हैं और गिरोह बनाकर ठगी करते थे। इनके पास से दो मोबाइल, एक चेकबुक, एक एटीएम कार्ड और ₹11,500 नकद बरामद किए गए।
पुलिस के अनुसार आरोपियों का गिरोह देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को फोन कर डराता है और ठगी करता है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है।