हत्या के एक मामले में पिता और उसके दो बेटों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार त्रिपाठी द्वारा मुन्ना खान एवं उसके दो बेटे असलम खान, अकरम खान को ये सजा सुनवाई है। साथ ही तीनों पर अलग-अलग धाराओं के अपराध में जुर्माना भी किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मिनी शर्मा द्वारा की गई। अभियोजन के अनुसार 27 दिसंबर 2019 को राघवेंद्र गुर्जर, भोलू गुर्जर, रामनरेश गुर्जर मुन्ना के घर पहुंचे। तीनों ही लोग उधारी की रकम वापस लेने के लिए पहुंचे थे।
लेकिन मुन्ना और उसके बेटों ने विवाद शुरू कर दिया, इस दौरान गोली मारकर रामनरेश की हत्या कर दी गई। साथ ही राघवेंद्र एवं भोलू पर जानलेवा हमला किया, जिससे वे दोनों बड़ी मुश्किल से बच पाए। एफआईआर में ये भी दर्ज कराया गया कि अकरम ने इस घटना के लिए अपनी लाइसेंसी 315 बोर की रायफल का उपयोग किया, जो कि आयुध अधिनियम 1959 के तहत दंडनीय अपराध है। कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार इस मामले में फैसला मंगलवार को सुनाया गया।