राजधानी भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में छात्रावास में हुई मारपीट और रैगिंग के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। यूजीसी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन को दर्ज शिकायत और जांच के बाद कुल 8 छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
2 अगस्त की रात करीब 10 बजे यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के बाल्टिक हॉस्टल और स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर (एसओए) हॉस्टल के छात्रों में कहासुनी मारपीट तक पहुंच गई। विवाद की शुरुआत एक फोन कॉल पर हुई थी। आरोप है कि फोन पर बात करने को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। देखते ही देखते दोनों हॉस्टलों के छात्र डंडे और लोहे की रॉड लेकर आमने-सामने आ गए। इस झगड़े में कई छात्र घायल हुए, हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
मारपीट का वीडियो भी सामने आया, जिससे मामला और गंभीर हो गया। 3 अगस्त को यह शिकायत यूजीसी एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन को मिली, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। 5 और 6 अगस्त को एंटी-रैगिंग समिति की बैठक हुई। समिति ने दोषी छात्रों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की।
6 छात्रों को हॉस्टल से निकाला गया
6 छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि इन्हें चेतावनी पत्र जारी किया जाए और अभिभावकों से शपथ-पत्र (एफिडेविट) लिया जाए कि छात्र भविष्य में अनुशासनहीनता में शामिल नहीं होंगे। शपथ-पत्र जमा करने के बाद ही इन छात्रों को नवंबर-दिसंबर 2025 की परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इनमें आदर्श पांडे (B.Tech, द्वितीय वर्ष), प्रवीण कुमार सिंह (B.Tech, द्वितीय वर्ष), राजीव पांडे (B.Tech, द्वितीय वर्ष), आर्यन चौरसिया (B.Arch, पांचवां वर्ष), देव शर्मा (B.Arch, पांचवां वर्ष) और प्रद्युमन सोनी (B.Arch, पांचवां वर्ष) शामिल हैं।
2 छात्रों पर सबसे सख्त कार्रवाई
गुरप्रीत सिंह (B.Arch, पांचवां वर्ष) और देव दहिया (School of IT, द्वितीय वर्ष), दोनों को संस्थान से 6 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही हॉस्टल से निकालना और गुरप्रीत सिंह का परीक्षा परिणाम रोके जाने का निर्णय लिया गया है।
चाकू से हमले का आरोप भी सामने आया जांच के दौरान एक छात्र ने आरोप लगाया कि विवाद के समय उस पर चाकू से हमला हुआ था, जिससे उसके पेट पर खरोंच आई। उसने दावा किया कि समय रहते पीछे हट जाने के कारण उसकी जान बच गई।
प्रशासन का सख्त संदेश
आरजीपीवी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की रैगिंग, हिंसा या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर भविष्य में और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही हॉस्टल में सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।