राजधानी भोपाल में फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए नौकरी हासिल करने के मामले में एक महिला को 28 साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है। महिला ने जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पुरातत्व विभाग में नौकरी हासिल की थी। शिकायत होने से पहले महिला लगभग दो साल तक नौकरी कर चुकी थी।
भोपाल में कृष्णकांत बागरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट ने महिला को यह सजा सुनाई है। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी गुंजन गुप्ता ने बताया कि आरोपी सपना वर्मा को धारा 420,468,471 भादवि में दोष सिद्ध पाते हुए सजा सुनाई गई है।
इस तरह किया था फ्रॉड
आरोपी सपना वर्मा बारी जाति की है। उसने स्वयं को कोरी जाति का बताकर वर्ष 1988-89 में फर्जी जाती प्रमाण पत्र तैयार कराए। इस प्रमाण पत्र के आधा पर उसने पुरातत्व एवं संग्रहालय मध्य प्रदेश में नौकरी हासिल की थी। इस विभाग में सपना ने 1 जून 1993 से 24 मई 1995 तक नौकरी की। इसी बीच शिकायत के आधार पर उनकी विभागीय जांच कराने के बाद केस दर्ज कराया गया।