भोपाल क्राइम ब्रांच ने टीकमगढ़ के जतारा में दादा, बेटा और नाबालिग पोते द्वारा संचालित दो अवैध हथियार फैक्ट्री का खुलासा किया। फैक्ट्री दूरस्थ वेयरहाउस में लगाई गई थी, आरोपी सुरेंद्र और परिवार ने हथियारों का निर्माण स्थानीय स्तर पर करते हुए प्रदेश के बाहर, विशेषकर उत्तर प्रदेश में सप्लाई की।
टीम ने फैक्ट्री से लेथ, वेल्डिंग, ड्रिल मशीनें, देसी पिस्टल और तीन अधूरी पिस्टल सहित कई कलपुर्जे जब्त किए।
संदिग्ध की तलाशी में पिस्टल मिली
क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ शातिर अपराधी वाहन चोरी एवं अवैध हथियारों से जुड़े हुए हैं और निशातपुरा क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। सूचना के आधार पर टीम ने दबिश दी और तीन संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया। इनके कब्जे से तीन वाहन बरामद किए गए, जिन्हें हनुमानगंज थाने के सुपुर्द किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्तार खान हथियारों की अवैध सप्लाई में शामिल है। उसे हिरासत में लेकर तलाशी ली गई, जिसमें उसके पास से पिस्टल बरामद हुई।

कृषि उपकरण निर्माण के नाम पर हथियार
मुख्तार खान ने खुलासा किया कि पिस्टल उसे सुरेंद्र विश्वकर्मा से मिली थी। सुरेंद्र ने टीकमगढ़ में एक उन्नत स्तर की अवैध हथियार फैक्ट्री स्थापित की। जांच में यह सामने आया कि सुरेंद्र और उनका परिवार वर्षों से अवैध शस्त्र निर्माण में संलिप्त रहा है।
सुरेंद्र का पिता आनंदी विश्वकर्मा लगभग 40 वर्षों से लेथ मशीन के माध्यम से ट्रॉली और कृषि उपकरण निर्माण के नाम पर हथियार बनाता रहा। उसकी तकनीक उसने अपने फुलेरा निवासी रिश्तेदार से सीखी थी।
आरोपी का बेटा और नाबालिग भी शामिल
आनंदी विश्वकर्मा ने अपने पूरे परिवार को अवैध गतिविधियों में शामिल किया। सुरेंद्र के जेल जाने के बाद भी परिवार ने हथियार निर्माण जारी रखा। इसके अलावा उसके नाबालिग पोते और बेटा धर्मेंद्र भी इस कार्य में लगे थे। जब सुरेंद्र और उसका बेटा पहले स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार हुए, तब भी यह काम बंद नहीं किया गया।

वेयरहाउस का इस्तेमाल किया
सुरेंद्र ने हथियार बनाने के लिए उन्नत मशीनों और उपकरणों के साथ फैक्ट्री स्थापित की। पहले केवल कलपुर्जे बाहर से लाकर असेंबल किए जाते थे, लेकिन अब सभी कलपुर्जे स्थानीय स्तर पर बनाए जा रहे थे। इसके लिए विशेष मशीनें और उपकरण बड़े निवेश के साथ लगाए गए। फैक्ट्री को छुपाने के लिए दूरस्थ वेयरहाउस का इस्तेमाल किया गया।
सुरेंद्र ने अपने परिचित को पार्टनर बनाया और उसे ₹20,000/- प्रति माह किराया दिया। निर्माण का काम परिवार के सदस्य करते थे, जबकि ग्राहक संपर्क और वितरण कुछ सहयोगियों के माध्यम से किया जाता था।
प्रदेश के बाहर हथियारों को बेचा
सुरेंद्र और परिवार ने हथियारों की बिक्री मध्यप्रदेश के बाहर, विशेषकर उत्तर प्रदेश में की। ग्राहक थोक स्तर पर हथियार खरीदते थे। निर्माण के सभी कलपुर्जे स्थानीय रूप से तैयार किए जाते थे, जिससे लागत कम और संदेह की संभावना न्यून रहती थी। बिक्री और वितरण का कार्य गोपनीय तरीके से किया जाता था।

लूट के मामले में 7 साल सजा काटी
सुरेंद्र विश्वकर्मा पूर्व में लूट के प्रकरण में 7 वर्ष की सजा काट चुका है। जनवरी 2025 में जेल से रिहा होने के बाद उसने पुनः अवैध शस्त्र निर्माण शुरू किया।
अवैध शस्त्र मामले में जब्त सामग्री
इस मामले में आरोपी मुख्तार खान, सुरेंद्र विश्वकर्मा, सैफ अली उर्फ रिंकू, मुमताज अली और आनंदी विश्वकर्मा शामिल हैं, जबकि फरार आरोपी नरेन्द्र प्रताप सिंह परमार है। लेथ मशीनें, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिंग मशीन, ब्लेंडर मोटर, देसी पिस्टल, तीन अधूरी पिस्टल, बैरल, लोहे के फ्रेम, ट्रिगर, स्लाइडर, कारतूस, मैगजीन, बट की लकड़ी और अन्य कलपुर्जे जब्त किए गए हैं।