मैं सुनसान सड़क पर अकेली खड़ी हूं…मदद कीजिए
आगरा में पुलिस कंट्रोल रूम में एक लड़की का फोन आता है। मदद मांगी जाती है, जो 15 मिनट में मिल भी जाती है। इसके बाद जो कुछ पता चलता है, वह काफी चौंकाने वाला होता है। लेकिन वह सब जानने से पहले फोन पर क्या बात हुई
लड़की – मैं अकेली हूं। सुनसान सड़क पर खड़ी हूं। मुझे डर लग रहा है।
कंट्रोल रूम – आपके आस-पास कौन है?
लड़की – कोई नहीं…।
कंट्रोल रूम – कहां जाना है?
लड़की – मुझे आगरा कैंट जाना है।
कंट्रोल रूम – ठीक है, आप वेट करिए। मदद पहुंच रही है। लेकिन, आपको किराए का पेमेंट करना होगा।
लड़की – ठीक है, इसकी कोई दिक्कत नहीं।
कंट्रोल रूम – ठीक है..।
इस बातचीत के 15 मिनट में लड़की तक मदद पहुंच गई। लेकिन तब पता चला कि फोन करने वाली कोई आम लड़की नहीं, आगरा की ACP सुकन्या शर्मा हैं। शुक्रवार रात 11.30 बजे उन्होंने सदर बाजार से पुलिस-112 कंट्रोल रूम में फोन किया। पुलिस वाले का रिस्पॉन्स चेक किया। मदद मिलने की टाइमिंग से लेकर बात करने का तरीका तक, टेस्ट में सब कुछ ठीक मिला
आगरा में रात 10 बजे के बाद लड़कियों की पुलिस कर रही मदद दरअसल, आगरा में वूमेन सेफ जोन बनाए जाने हैं। पुलिस कमिश्नर रविंद्र जे. गौड़ ने गाइडलाइन जारी की है। अगर रात 10 से सुबह 6 बजे तक किसी भी महिला को जरूरत पड़ेगी। घर तक जाने के लिए उसे वाहन नहीं मिल रहा। या अपने घर से स्टेशन या बस अड्डे जाना है, तो वह 112 कंट्रोल रूम में फोन करके अपने लिए वाहन की मांग कर सकती है।
पुलिस वाहन की व्यवस्था कराएगी। महिला या युवती को अपनी मंजिल तक पहुंचने का किराया देना होगा। सिक्योरिटी का काम पुलिस देख लेगी।
1.30 बजे ऑटो में घूमीं, ड्राइवर से समझा, क्या आती हैं दिक्कतें इस गाइडलाइन के बाद शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे ACP सुकन्या शर्मा ने एक ऑटो किया। इस दौरान वह सादे कपड़ों में थीं। आगरा कैंट से पुलिस लाइन तक 1.30 घंटे का सफर किया। रास्ते में वह लगातार ऑटो के ड्राइवर से सवाल करती रहीं। ताकि रात के वक्त महिलाओं को होने वाली दिक्कत समझी जा सकें। जिस ऑटो में वह बैठी थीं, उसका पुलिस वैरिफिकेशन हुआ है या नहीं, यह भी उन्होंने जांचा।
ऑटो ड्राइवर से ये सवाल किए…
- कितनी महिलाएं ऑटो में बैठती हैं?
- क्या ध्यान रखते हो?
- वर्दी क्यों नहीं पहने हो?
- नेम प्लेट लगानी होती है, क्यों नहीं लगाई?
100 ऑटो किए गए हैं वैरिफिकेशन फिर सदर बाजार आने पर उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर कॉल किया। आगरा कैंट और आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर 100 ऑटो सत्यापित किए गए हैं। यह ऑटो वूमेन सेफ्टी मिशन का हिस्सा हैं। इन ऑटो के ड्राइवरों को खास वर्दी पहनने के लिए कहा गया है। उन्हें नेम प्लेट लगानी है। पुलिस के पास इन 100 ऑटो ड्राइवर्स का पूरा रिकॉर्ड है। जिससे जरूरत पड़ने पर पुलिस उनसे पूछताछ कर सके।
3 एरिया की पहचान की ACP सुकन्या शर्मा ने बताया कि पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर शहर के कुछ क्षेत्रों को वूमेन सेफ जोन बनाना है। इनमें प्राथमिकता में वो क्षेत्र होंगे, जो पूरी तरह से सीसीटीवी से कवर हैं। इनमें कमलानगर,न्यू आगरा और सदर हैं। इन तीनों क्षेत्रों में कुछ सड़कें पूरी तरह से सीसीटीवी से कवर हैं। भविष्य में अन्य सड़कों और क्षेत्रों को भी कवर किया जाएगा।