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जर्जर भवन हादसों पर निकायों को निर्देश

प्रदेश में बारिश के दौरान दीवारें गिरने से हुए जान माल के नुकसान को देखते हुए नगरीय विकास और आवास विभाग ने शहरी क्षेत्र के सभी निकाय प्रमुखों को ऐसे मामलों में एक्शन लेने के लिए कहा है। आयुक्त नगरीय विकास भरत यादव ने कहा है कि निकाय ऐसे मामलों में सिर्फ नोटिस जारी करने की खानापूर्ति न करें बल्कि जर्जर और खतरनाक भवनों में रहने वाले परिवारों के व्यवस्थापन का प्रबंध करें। किसी भी स्थिति में जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए।

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आयुक्त यादव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि नगरीय क्षेत्रों में जर्जर एवं खतरनाक भवन में यदि कोई परिवार अथवा व्यक्ति निवासरत है तो जिला प्रशासन के सहयोग से उनके व्यवस्थापन की कार्यवाही की जाये। यदि परिवार जर्जर भवन खाली नहीं कर रहा हो तो भवन का विद्युत कनेक्शन और जल प्रदाय कनेक्शन काटकर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से व्यवस्थापन की कार्यवाही की जाये। आयुक्त यादव ने सभी नगरीय निकायों से कहा है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा जून माह में भी इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किये गये थे। नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 309 एवं 310 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 में जर्जर भवनों पर कार्यवाही करने का प्रावधान है।

हर हाल में करें नियमों का पालन, नोटिस तक न रहें सीमित

यादव ने कहा है कि किसी भी प्रकार की जन धन हानि को रोकने के लिये यह आवश्यक है कि अधिनियम की धाराओं के अनुसार निरंतर कार्यवाही जारी रहे। आयुक्त ने नगरीय निकायों को सख्त हिदायत दी है कि जीर्ण शीर्ण भवनों के संबंध में केवल सूचना पत्र जारी नहीं करें बल्कि समुचित कार्यवाही करें। जर्जर हो चुके निजी या शासकीय भवनों को नोटिस दिये जाने की सूचना तथा उसकी सूची जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जाये।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770