भोपाल एम्स से चोरी हो रहे ब्लड प्लाज्मा की अंतरराज्यीय कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि एक गिरोह ने अब तक 1150 यूनिट प्लाज्मा चोरी कर महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद में स्थित दो निजी लैब को बेचा है। आरोपियों ने 5800 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से प्लाज्मा बेचा है।
इन लैब में प्लाज्मा का उपयोग कर बायो मेडिकल दवाएं बनाई जा रही थीं। बुधवार को पूरे मामले का खुलासा एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने किया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया है। जिसकी कुल कीमत 11.72 लाख रुपए बताई जा रही है।
प्रभारी सुरक्षा अधिकारी ने दर्ज कराई थी एफआईआर एम्स भोपाल के प्रभारी सुरक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने 29 सितंबर 2025 को एम्स ब्लड बैंक में खून चोरी की घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया था। जिसकी जांच के दौरान इंचार्ज डॉक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान दर्ज किए गए।
डॉक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान और आवेदन पत्र के आधार पर आरोपी अंकित केलकर व एक अन्य के खिलाफ अपराध धारा 305(ए) बीएनएस का कायम कर विवेचना में लिया था।
आरोपियों ने पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस ने शंका के आधार पर आरोपी एम्स ब्लड बैंक के आउटसोर्स कर्मचारी अंकित केलकर को हिरासत में लिया है। उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। उससे चोरी गए एफएफपी प्लाज्मा के संबंध में पूछताछ की गई। जिसमें आरोपी ने अपने पूर्व के साथी अमित जाटव और लक्की पाठक के साथ मिलकर घटना को अंजाम देना बताया है। आरोपी अंकित केलकर, अमित जाटव और लक्की पाठक एक-दूसरे से लाइव सेवर ब्लड बैंक भोपाल से परिचित थे।
अंकित केलकर की कंपनी का 30 सितंबर 2025 को टेंडर खत्म हो रहा था। जिसके चलते आरोपियों ने एम्स भोपाल की ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी करने की प्लानिंग बनाई। पूछताछ में उन्होंने 18 सितंबर 2025 से 27 सितंबर 2025 के बीच 1150 एफएफपी प्लाज्मा के पैकेट चोरी करना स्वीकार किया है।

5800 रुपए लीटर में बेचते थे प्लाज्मा यूनिट आरोपी लक्की पाठक और उसके भाई दीपक पाठक ने चोरी गए प्लाजमा को नासिक के रहने वाले श्याम बड़गूजर और औरंगाबाद के करन चव्हाण को 5800 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा था।
श्याम बड़गूजर इंदौर के नंदानगर में थैलीसीमिया ब्लड बैंक और करण चव्हाण औरंगाबाद में सहयाद्री ब्लड बैंक और सिरपुर महाराष्ट्र स्वर्गीय मुकेश भाई पटेल ब्लड बैंक संचालित करते हैं।
चोरी किए गए प्लाज्मा को फार्मा कंपनियों को बेचने की फिराक में थे लेकिन इससे पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए।
इसमें होता है प्लाज्मा का इस्तेमाल प्लाज्मा का उपयोग जले हुए मरीजों के लिए एल्वोविन बनाकर उपयोग किया जाता है। फार्मा कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रकार की दवाइयां बनाने में उपयोग लिया जाता है। आरोपी लक्की पाठक 10वीं पास है। आरोपी का बड़ा भाई दीपक पाठक 12वीं पास है। उसने अलग-अलग ब्लड बैंक में नौकरी की है।
इसी कारण से दीपक पाठक के अलग-अलग राज्यों की ब्लड बैंकों से संपर्क थे। आरोपी दीपक की पत्नी भी उसके साथ लाइव सेवर बैंक भोपाल में नौकरी करती थी। जिसने डीएमएलटी कोर्स कर रखा है।
ये हैं 6 आरोपी
- अंकित केलकर पिता अजबलाल केलकर (26), निवासी राजभवन के करीब अरेरा हिल्स भोपाल।
- अमित जाटव पिता कमल सिंह जाटव (25), निवासी शिवाजी नगर बरखेड़ा पठानी, गोविंदपुरा भोपाल।
- लक्की पाठक पिता देवीप्रसाद पाठक (30), निवासी गणेश कालोनी बरखेड़ी कला रातीबड़ जिला भोपाल।
- दीपक पाठक पिता देवीप्रसाद पाठक (35), साल निवासी पटेल काॅलेज के सामने रातीबड जिला भोपाल।
- श्याम बडगुजर पिता सुभाष बडगुजर (27), निवासी त्रिमूर्ति चौक हनुमान मंदिर के पास, थाना अम्बड, जिला सिडकू नासिक महाराष्ट्र, हाल पता थैलीसीमिया ब्लड बैंक नंदा नगर इंदौर।
- करण चव्हाण पिता सोमनाथ चव्हाण (25), निवासी ग्राम मोगरा माझल गांव थाना दिनद्रूड़ जिला बीड महाराष्ट्र हाल पता गली नंबर 1 हनुमान नगर छत्रपती संभाजी नगर औरगांबाद महाराष्ट्र।




