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Jabalpur News : मिग-21, टी-55 टैंक के बाद जेईसी को ब्रम्होस मिसाइल का इंतजार

 शासकीय जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज में भारतीय सेना की दो बड़ी ताकतवर हथियार आ चुके हैं अब सिर्फ ब्रम्होस मिसाइल का इंतजार है ताकि कालेज परिसर में भारत की युद्व कौशल को हथियारों के जरिए समझा जा सके। गत दिवस ही कालेज में टी—55 टैंक पुणे से आया है। अब हैदराबाद से ब्रम्होस मिसाइल मिलने की देरी है। कालेज के प्राचार्य डा.अरविंद कुमार ने बताया कि ब्रम्होस मिसाइल मिलने में वक्त लग रहा है दरअसल यह मिसाइल डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डा.सुधीर मिश्रा के सहयोग से मिल रहा है लेकिन उनकी निजी व्यस्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है।

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डा.शर्मा के अनुसार ब्रम्होस मिसाइल का मूल स्वरूप हैदराबाद से आना है। इसमें लगने वाली गोपनीय सामग्री को पहले ही निकाल लिया जाएगा, ताकि सुरक्षा में किसी तरह की कोई परेशानी न आए। प्राचार्य ने बताया कि ब्रम्होस मिसाइल के सीईओ जो पिछले दिनों सेवानिवृत्त हुए है डा.सुनील मिश्रा जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज के भूतपूर्व विद्यार्थी है। उन्हीं के प्रायासों से यह मिसाइल मिल रही है।

क्या है टी-55 टैंक : 1971 की जंग में भारत को पाकिस्तान पर जीत का स्वाद चखाने में अहम किरदार निभाने वाले विजयंत टैंक को यहां रखा जा रहा है। सेना के पुना मुख्यालय से टी—55 टैंक मिला है। सेना के बोर्ड में जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज के सदस्य है जिनके प्रयासों से यह टैंक निश्‍शुल्क दिया गया है। उनके अनुसार इंजीनियर सेना के इस उपकरण को देखकर ये समझेंगे कि उनकी इंजीनियरिंग देश के कितने काम आती है। देश की ताकत बढ़ाने में उनका कितना योगदान है।

तीनों शक्ति जेईसी में : जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज में मिग-21 पहले ही संस्थान को मिल चुका है। टैंक आ चुका है। अब ब्रम्होस मिसाइल आना है। जिसके साथ ही सेना की तीनों तरह की शक्ति एक तरह से संस्थान के विद्यार्थियों के लिए होगी। जिसका विद्यार्थी प्रैक्टिकल नालेज के लिए भी अवलोकन कर सकते हैं। याद रहे कि आगामी सत्रों में सेना सुरक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम भी संचालित होने वाले है।

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